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World Lion Day 2023: जानें कब, कैसे और किसने की थी इस दिन को मनाने की शुरुआत

World Lion Day 2023 हर साल 10 अगस्त को विश्व शेर दिवस मनाया जाता है जिसकी शुरुआत साल 2013 से हुई थी। इस दिन को मनाने का उद्देश्य शेरों की घटती आबादी और संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना है तो कैसे हुई थी इस दिन को मनाने की शुरुआत और किसने की थी इसकी पहल आइए जानते हैं इस बारे में।

By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Thu, 10 Aug 2023 08:50 AM (IST)
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World Lion Day 2023: विश्व शेर दिवस का इतिहास, महत्व व उद्देश्य
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Lion Day 2023: हर साल 10 अगस्त का दिन दुनियाभर में विश्व शेर दिवस (World Lion Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य शेरों के संरक्षण के बारे में लोगों को जागरूक करना है। एनिमल एक्टिविस्ट्स का मानना है कि शेर हमारे पारिस्थितिक तंत्र के लिए बहुत जरूरी हैं। एशिया में सबसे ज्यादा शेर भारत में पाए जाते हैं। एशियाई शेर भारत में पाई जाने वाली सबसे बड़ी प्रजातियों में से एक है। इसके अलावा अन्य चार रॉयल बंगाल टाइगर, इंडियन लेपर्ड, क्लाउडेड लेपर्ड, स्नो लेपर्ड हैं।

विश्व शेर दिवस का इतिहास

विश्व शेर दिवस की शुरुआत पहली बार साल 2013 में बिग कैट रेस्क्यू द्वारा की गई थी, जो शेरों को समर्पित दुनिया का सबसे बड़ा अभयारण्य है। इसकी सह-स्थापना डेरेक और बेवर्ली जौबर्ट ने की थी, जो पति-पत्नी थे। उन्होंने जंगल में रहने वाले शेरों की रक्षा के लिए नेशनल ज्योग्राफिक और बिग कैट इनिशिएटिव दोनों को एक ही बैनर के तहत लाने की पहल शुरू की और तब से हर साल 10 अगस्त को विश्व शेर दिवस मनाया जाने लगा।

विश्व शेर दिवस मनाना क्यों महत्वपूर्ण है?

विश्व शेर दिवस शेरों के संरक्षण के बारे में बताना और उसके लिए जरूरी कदम उठाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना है। जागरूकता की कमी की वजह से शेरों की संख्या कम होती जा रही है। इसलिए इसके संरक्षण की तत्काल आवश्यकता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को पारिस्थितिक तंत्र में शेरों के महत्व और उनके सांस्कृतिक महत्व के बारे में भी शिक्षित करना है।

शेर के बारे में जरूरी जानकारी

- एक शेर का वजन 190 किलो तक होता है और शेरनी का वजन 130 किलो तक।

- एक शेर की उम्र 16 से 20 साल तक की होती है। 

- शेर की सुनने की क्षमता बहुत अधिक होती है।

- भारत के राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ में शेर का चित्र बना हुआ है।

- शेर बिल्ली की प्रजाति में आते हैं इसलिए इन्हें बिग केट कहा जाता है।

- नर शेर की गर्दन पर बाल होते हैं, लेकिन मादा शेर के गर्दन पर बाल नहीं होते हैं।

Pic credit- freepik

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