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World No Tobacco Day 2021: जानें कब और कैसे हुई थी इस दिन की शुरुआत और इस बार के थीम के बारे में

World No Tobacco Day 2021 WHO जब पूरी दुनिया का सलाना धूम्रपान से मौतों का आंकड़ा जारी करता है तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं। वहीं लॉकडाउन के दौरान तो धूम्रपान की सीमाओं को लोगों ने पार ही कर दिया। आइए जानते हैं इस दिन से जुड़ी जरूरी बातें।

By Priyanka SinghEdited By: Updated: Mon, 31 May 2021 11:25 AM (IST)
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World No tabacco day को दर्शाती हुई पिक्चर
तंबाकू चबाने और सिगरेट पीने को युवा पीढ़ी आज अपना स्टेटस सिंबल मानने लगी है। फिल्मों के स्मोकिंग दृश्यों में स्क्रीन पर धूम्रपान की वैधानिक चेतावनी लिखना और सिगरेट के डिब्बों पर सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है को लिख देने भर से काम नहीं चलेगा। धूम्रपान पर विराम लगाने के लिए केंद्र व राज्य सरकारों और सामाजिक स्तर पर ईमानदारी से बहुत कुछ करने की दरकार है।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास

धूम्रपान के दुष्परिणाम को जानते समझते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने साल 1988 से 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2021 थीम

इस साल की थीम है “छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध”। ये थीम लोगों को हेल्दी लाइफ जीने के लिए तंबाकू छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। समूचे संसार में आज भी तंबाकू-खैनी से होने वाली आकस्मिक मौतों का आंकड़ा दूसरे नंबर पर है। आंकड़े डराने के अलावा सोचने पर भी मजबूर करते हैं।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस उद्देश्य

इस दिवस को मनाने का मकसद धूम्रपान के विभिन्न तरीकों जैसे, सिगरेट पीना, खैनी चबाना, गुटखा खाना व तंबाकू सेवन के व्यापक प्रसार और नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कराना और उन्हें जागरूक करना होता है। वैसे, एक जिम्मेदार इंसान होने के नाते हमें इसकी शुरुआत अपने-अपने घरों से ही करनी चाहिए। अगर घर का कोई सदस्य खुलेआम या चुपके-चुपके भी धूम्रपान करता है, तो उन्हें दुष्परिणामों से अवगत कराएं और उसका घर के दूसरे सदस्यों पर कितना अनुकूल असर पड़ता है, उससे भी उन्हें परिचित कराएं।

जब लोग गुटखा, खैनी, सिगरेट व तंबाकू आदि की भारी डिमांड करते हैं, तभी धूम्रपान पदार्थों के उत्पादनों में उछाल आता है। उत्पादन को बढ़ाने और रोकने की कमान बेशक हुकूमत के पास हो, पर इस विषय में सरकारें हाथ इसलिए नहीं डालती, क्योंकि ये ऐसा क्षेत्र है जिससे आर्थिक संबल मिलता है।

Pic credit- freepik