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वर्कप्लेस पर बाउंडरी सेट न करना पड़ सकता है आपकी प्रोफेशनल लाइफ पर भारी, 5 टिप्स करेंगे इससे बचने में मदद

वर्कप्लेस पर बाउंडरी सेट (Boundary at Workplace) करना आपकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों के लिए ही काफी जरूरी है। ऐसा न करना आपकी मेंटल हेल्थ पर भारी पड़ सकता है और हो सकता है कि आप अपने वर्कप्लेस पर खुश न रहें। ऐसे में वर्कप्लेस पर बाउंडरी सेट कैसे करें इस बारे में जानने के लिए आपको ये आर्टिकल जरूर पढ़ना चाहिए।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Fri, 16 Aug 2024 06:49 PM (IST)
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क्यों जरूरी है वर्कप्लेस पर बाउंडरी सेट करना? (Picture Courtesy: Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Tips to Set Boundary at Workplace: क्या आपके साथ ऐसा होता है कि वर्कप्लेस पर आप अपने सहकर्मियों या अपने बॉस को ‘न’ नहीं कह पाते हैं या आपको कोई चीज नहीं पसंद, उस बारे में बता नहीं पाते। तो चिंता मत करिए। ऐसा कई लोगों के साथ होता है और इसकी सबसे बड़ी वजह है बाउंडरी सेट न करना। वर्कप्लेस पर बाउंडरी सेट करना बेहद जरूरी है, ताकि आपकी वर्कलाइफ और पर्सनल लाइफ में संतुलन बना रहे। ऐसा न होने की वजह से आपका काम तो प्रभावित होता ही है, साथ ही आपकी मेंटल हेल्थ भी प्रभावित हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि बाउंडरी सेट करें। आइए जानें कैसे।

प्राथमिकता सेट करें

आपके लिए कौन-सा काम ज्यादा जरूरी है, इसे चुनें। इससे आप अपने काम को समय पर पूरा कर पाएंगे और इसकी वजह से आपके बॉस या सहकर्मियों के साथ कोई मनमुटाव भी नहीं होगा। प्रायोरिटी सेट करने के लिए आप अपने बॉस के साथ मीटिंग कर सकते हैं कि किस काम को सबसे पहले करना जरूरी है और आप कैसे इसे पूरा करने वाले हैं।

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सीधा ‘ना’ न कहें

कई लोग किसी भी काम के लिए सीधा न कह देते हैं। ऐसा करना आपके बॉस के साथ आपके रिश्ते को बिगाड़ सकता है। ऐसे में अगर कोई ऐसा काम है, जो आप नहीं करना चाहते या किसी कारण से पूरा नहीं कर सकते, तो इस बारे में अपने बॉस को बताएं और इसके लिए कोई अन्य विकल्प भी दें। इससे आपके बॉस को ये संदेश मिलेगा कि आप काम के प्रति कामचोरी नहीं दिखा रहे हैं।

बातचीत करें

मान लीजिए किसी काम को पूरा करने के लिए आपको एक दिन का समय दिया गया है, लेकिन आपको इसके लिए दो दिन चाहिए, तो चुपचाप परेशान होने की जगह अपनी टीम से इस बारे में खुलकर बात करें। उन्हें अपनी परेशानी बताएं और इसका समाधान जानने के लिए बात करें। इसमें आप अपने बॉस की भी मदद ले सकते हैं। इससे आप दोनों के बीच किसी प्रकार की गलतफहमी नहीं होगी।

सीमा तय करें

अपनी टीम और बॉस के साथ ये बिल्कुल साफ तरीके से सेट कर लें कि आप कितने समय तक काम करेंगे और आप कितना काम संभाल सकते हैं। इससे आप बर्नआउट कम महसूस करेंगे, जो आपकी प्रोफेशनल लाइफ और मेंटल हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है।

ओवर शेयरिंग न करें

अपने सहकर्मियों के साथ अपनी भावनाओं या पर्सनल लाइफ के बारे में ज्यादा बातें शेयर न करें। कोशिश करें कि काम से जुड़ी बातें हो, वो भी ई-मेल के जरिए, ताकि आपके पास सभी जरूरी बातें सेफ हो जाएं।

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