Valentine’s Special: समाज के बंधनों को तोड़ बन गए प्यार की मिसाल, ऐसी थी अमृता और इमरोज की प्रेम कहानी
फरवरी यानी वैलेंटाइन डे का महीना प्यार के लिए जाना जाता है। इस महीने में प्रेमी-प्रेमिकाएं अलग-अलग दिनों पर अलग-अलग तरीकों से अपने प्यार का इजहार करते हैं। आज हम आपको प्यार की एक ऐसी कहानी सुनाने वाले हैं जिसमें न तो इजहार हुआ न शादी लेकिन फिर भी लाखों लोगों के लिए प्यार की मिसाल बन गई। जानें क्या थी अमृता प्रीतम और इमरोज की कहानी।
By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Fri, 09 Feb 2024 04:28 PM (IST)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Valentine's Special: फरवरी का महीना ढेर सारा प्यार लेकर आता है। इस पूरे महीने, प्रेमी-प्रेमिकाओं पर प्यार का खुमार छाया रहता है। वे एक-दूसरे के साथ प्यार भरा वक्त बिताते हैं, तोहफे देते हैं और अपनी पुरानी यादों को ताजा करते हैं। इस प्यार के मौसम में आज हम आपको एक ऐसी प्रेम कहानी के बारे में बताने वाले हैं, जो लाखों लोगों के लिए प्यार की मिसाल मानी जाती है। हम हीर-रांझा की बात नहीं कर रहे हैं, न ही हम शीरीं-फरहाद के बारे में बात कर रहे हैं। इस बेमिसाल प्रेमी जोड़े का नाम है-अमृता प्रीतम और इमरोज।
अमृता प्रीतम एक मशहूर कवयित्री थीं, जिन्होंने अपनी कविताओं से लाखों लोगों के दिल के तार टटोले हैं। जितनी मशहूर इनकी रचनाएं हैं, उतनी ही मशहूर इनकी प्रेम कहानी भी है। अमृता का जन्म पंजाब में 1919 में हुआ था। भारत-पाकिस्तान के बंटवारे में उनका परिवार पाकिस्तान छोड़कर भारत आ गया था। बंटवारे की यह चोट उनकी रचनाओं में देखने को मिल सकती है। अपनी कई रचनाओं में अमृता लाहौर की गलियों को याद करती नजर आ सकती हैं।
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अमृता की शादी बचपन में ही प्रीतम सिंह के साथ तय हो गई थी। जब वह 16 साल की हुईं, तो उनके साथ उनका ब्याह हो गया। बचपन में हुई इस शादी में अमृता कभी प्यार न खोज पाईं। प्रीतम सिंह उन्हें बेहद चाहते थे, लेकिन अमृता उनके प्यार को कभी लौटा नहीं पाईं। इनके साथ अमृता के दो बच्चे हुए, लेकिन इस शादी में हमेशा एक कमी रह गई। वह थी प्यार की। शायद इसी कमी को पूरा करने अमृता अपना दिल मशहूर गायक साहिर लुधियानवी से लगा बैठीं। हालांकि, इस दौरान वह प्रीतम सिंह की पत्नी थीं, लेकिन उस जमाने में भी अपने जीवन को अपनी शर्तों पर जीने वाली अमृता ने मशहूर गायक और शायर साहिर लुधियानवी से प्यार किया।
ऐसे हुई थी साहिर लुधियानवी से मुलाकात
साहिर लुधियानवी साहब से अमृता प्रीतम की मुलाकात सबसे पहले एक मुशायरे के दौरान हुई थी, जिसके बाद वह उन पर अपना दिल हार बैठीं और ताउम्र उनसे प्यार करती रहीं। हालांकि, इनका यह प्यार कभी मुकम्मल नहीं हो पाया। साहिर लुधियानवी के बारे में अमृता ने अपनी कई रचनाओं में लिखा है। अपनी आत्मकथा, 'रसीदि टिकट' में भी उन्होंने अपने और साहिर साहब के प्यार के बारे में लिखा है। साहिर लुधियानवी के लिए अपनी कविताओं की एक किताब 'सुनेहड़े' के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था। इसके अलावा, उनकी रचनाओं के लिए उन्हें पद्मभूषण और अन्य कई पुरस्कारों से भी नवाजा गया था।