अपनी टीनएजर बेटी से जरूर डिस्कस करनी चाहिए हर मां को ये सारी बातें
मां हमारी जिंदगी की सबसे पहली गुरू होती है। जिंदगी के बड़े-बड़े सबक मां-बाप ही हमें सिखाते हैं जो हमें जिंदगी भर काम आते हैं। लेकिन कुछ बातें ऐसी होती हैं जो एक मां को अपनी बेटी से जरूर करने चाहिए खासतौर से बढ़ती उम्र में। कई सारी महिलाएं इन टॉपिक्स पर बात करने में हिचकिचाती हैं लेकिन इस पर बात करना बहुत जरूरी है।
By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Tue, 29 Aug 2023 01:06 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। बचपन से लेकर बड़े होने तक हम जिंदगी के कई छोटे- बड़े अपने मां- बाप से ही सीखते हैं खासतौर से मां से। क्योंकि हमारी जिंदगी की पहली गुरु तो वही होती है। लेकिन ये सीखने- सिखाने का सिलसिला सिर्फ बचपन तक ही सीमित नहीं होना चाहिए। कई सारी बातें बच्चों की बढ़ती उम्र से जुड़ी होती हैं। घर में अगर बेटी है, तो आप समझ सकती हैं कि जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ती है, उनमें कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव आते हैं। ऐसे में अगर आप उनसे इन चीज़ों पर बात करेंगी, सही गाइड करेंगी, तो कई सारी मुश्किलों का सामना करना आपकी बेटी के लिए आसान हो जाएगा, तो हर मां को अपनी टीनएजर बेटी से इन चीज़ों पर जरूर करनी चाहिए बात।
शारीरिक बदलावों पर
प्यूबर्टी हिट करते ही लड़कियों के शरीर की कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। उनके ब्रेस्ट डेवलप होने लगते हैं। जिसे लेकर वो कई बार परेशान हो सकती हैं। इस सिचुएशन में आपकी यह रिपॉन्सिबिलिटी बनती है कि आप उन्हें समझाएं कि ये सब नॉर्मल है। पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं और जरूरी बातें बताएं। शरीर के बदलावों के हिसाब से उन्हें कपड़े पहनने का तरीका बताएं।
न्यूट्रीशन
टीनएजर लड़कियों को सही न्यूट्रिशन की बहुत ज्यादा जरूरत होती है, तो उन्हें इसके बारे में भी बताएं। बेशक जंक और फास्ट फूड खाने में मजेदार होते हैं, लेकिन शरीर के लिए क्या जरूरी है ये समझाएं। टीनएज में माइक्रो और मैक्रो दोनों तरह के न्यूट्रिशन से भरपूर डाइट लेना चाहिए। कैलोरी, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, जिंक और फोलेट इनकी इस एज में सबसे ज्यादा जरूरत होती है।मेंटल हेल्थ
उम्र के इस पड़ाव पर शारीरिक बदलाव के साथ मानसिक समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं। इसलिए बेटियों से हर एक जरूरी टॉपिक पर खुलकर बात करें। इस एज में बहुत सारी लड़कियां पीरियड्स, ब्रेस्ट में आ रहे बदलावों से परेशान हो जाती हैं और जब कोई उन्हें नहीं मिलता है इस पर बात करने को, तो वो डिप्रेशन, तनाव का शिकार होने लगती हैं। उनकी इस समस्या को इग्नोर न करें।Pic credit- freepik