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Mata Sita: हर पुरुष चाहता है अपनी पत्नी में मां सीता जैसे ये चार गुण

रिश्ता अटूट और खुशनुमा रहे ये हर पति-पत्नी की चाहती होती है। माता सीता और प्रभु राम को देखें तो दोनों एक दूसरे पर पूरा विश्वास करते थे जो कि आज कपल्स में देखने को नहीं मिलता है। किसी महिला में गुणों का जिक्र करें तो सीता का नाम सबसे आगे रहता है। ऐसे में आइए जानें माता सीता जैसे वे गुण जो अक्सर पुरुष अपनी पत्नी में चाहते हैं।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Sat, 20 Jan 2024 02:50 PM (IST)
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हर महिला को अपने जीवन में उतारने चाहिए माता सीता के ये चार गुण
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Mata Sita: संघर्षों से भरा होने के बाद भी भगवान राम और माता सीता का जीवन आज भी समाज के लिए एक आदर्श बना हुआ है। इस जोड़ी से पति-पत्नी कई सीख ले सकते हैं और अपनी मैरिड लाइफ को सफल बना सकते हैं। बता दें, शादी एक ऐसा रिश्ता है जिसके बाद दो लोग एक साथ बंध जाते हैं।

भले ही किसी रिश्ते की शुरुआत कितनी भी मीठी हुई हो, लेकिन इसे खुशहाल तरीके से बिताने के लिए जीवनसाथी के साथ गहरा तालमेल जरूरी होता है। माता सीता बात करें तो सनातन धर्म में उन्हें एक पतिव्रता का दर्जा मिला है। ऐसे में आज भी जब एक महिला में गुणों की बात आती है तो अक्सर पुरुष सीता जैसे गुणों की बात करते हैं। आइए जानें आखिर कौन-से हैं वे गुण जो पुरुष अपनी पत्नी में चाहते हैं।

त्याग (Sacrifice)

माता सीता ने अपने जीवन में समाज के सामने त्याग का बहुत बड़ा उदाहरण पेश किया है। महल की सभी सुख-सुविधाएं एक झटके में छोड़कर उन्होंने पति के साथ वनवास का फैसला कर लिया। इसी तरह जो महिलाएं धन-दौलत की तुलना में रिश्तों को हमेशा आगे रखती हैं, पुरुषों की पसंद में शामिल होती हैं।

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सम्मान करना (Respect)

रिश्ते को हेल्दी रखने के लिए एक दूसरे का सम्मान करना भी बहुत जरूरी है। याद हो, जब माता सीता के पतिव्रता धर्म पर सवाल उठे तो उन्होंने खुद सही होते हुए भी समाज में श्री राम की इज्जत की खातिर अग्नि परीक्षा का सामना किया। ये गुण हमेशा पुरुषों को पसंद आते हैं।

समर्पण (Dedication)

माता सीता ने खुद को पूरी तरह भगवान राम को समर्पित किया। रावण द्वारा हरण किए जाने के बाद भी उन्होंने अपने पतिव्रता धर्म पर आंच नहीं आने दी और राम का विश्वास जीतकर रखा। उनका ये गुण भी बेहद खास है और ये बताता है कि किसी भी रिश्ते में अपने साथी पर पूरा विश्वास और इमानदारी कितनी जरूरी है।

दया (Mercy)

सीता को दया और उदारता का प्रतीक माना जाता है। अशोक वाटिका में माता सीता हनुमान से कहती हैं कि "ये रक्षक केवल रावण के आदेश का पालन कर रहे थे। उनका कोई दोष नहीं है।" आखिर ऐसा कोई उदार व्यक्ति ही कह सकता है। इसके अलावा रावण जब भिक्षुक के रूप में कुछ मांगने आया था, जब भी अपनी परवाह किए बिना उन्होंने सुरक्षा की लकीर को पार कर लिया था ताकि वे उसकी मदद सक सकें। ऐसी महिलाएं अक्सर पुरुषों की पसंद में शुमार होती हैं।

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Picture Courtesy: Instagram