Parents Support: हर बच्चा रखता है अपने मां-बाप से ये 5 उम्मीद, पूरी न होने पर टूट जाता है नाजुक दिल
हर माता-पिता को अपने बच्चे से कुछ उम्मीदें होती हैं। अच्छा बेटा या बेटी बनने के लिए क्या-क्या गुण होने चाहिए इस बारे में अक्सर आपने सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चों को भी मां-बाप से कुछ उम्मीदें होती हैं। जी हां इन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने पर न माता-पिता के साथ उनके रिश्ते (Parent Child Relationship) में भी कड़वाहट आ जाती है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Parents Support: बच्चे की उम्र के साथ ही उसे लेकर माता-पिता की उम्मीदें भी बढ़ती जाती हैं। अच्छा बेटा या बेटी जैसे कई किस्से कहानियां समाज में मौजूद हैं और उनपर अक्सर बात भी की जाती है। ऐसे में आपको शायद यह जानकर थोड़ा अजीब लगे, कि हर बच्चे को भी अपने मां-बाप से कुछ उम्मीदें होती हैं, जिनके पूरा नहीं होने पर न सिर्फ रिश्ते में कड़वाहट आने लगती है, बल्कि बच्चों का नाजुक दिल भी टूट जाता है। आइए आपको बताते हैं ऐसी ही 5 उम्मीदों के बारे में।
सोशल सपोर्ट
यह सच है कि मां-बाप से ज्यादा प्यार बच्चे को कोई नहीं कर सकता है, लेकिन आपको बता दें, कि माता-पिता की कही कुछ बातें अक्सर बच्चों के दिमाग पर गहरी चोट भी दे जाती हैं। जी हां, समाज के दबाव के चलते जब आप अपने बच्चे की तुलना आस-पड़ोस के बच्चों से करने लगते हैं, तो इनके दिल चूर-चूर हो जाता है। हर बच्चा मां-बाप से ये उम्मीद रखता है, कि रिश्तेदारों, दोस्तों, पड़ोसियों के बीच भी उनकी भावनाओं की कद्र करें, न कि उनका अपमान करें।दोस्त की तरह आएं पेश
सिर्फ कहने भर से नहीं, बल्कि आज के बच्चों की सही और अच्छी परवरिश करनी है, तो आपको उनके सामने मां-बाप बनकर नहीं, बल्कि एक दोस्त बनकर रहना होगा। हर बच्चा उम्मीद करता है, कि वो अपने मां-बाप से हर अच्छी-बुरी बात बिना किसी फिल्टर के कह सके। इससे उनका दिल का बोझ तो हल्का होता ही है, साथ ही उन्हें बेवजह का डर भी नहीं रहता है, कि ये बताया तो मम्मी-पापा क्या करेंगे या क्या नहीं। ऐसे में अगर बच्चे का बेहतर विकास चाहते हैं, तो उनकी इस उम्मीद पर भी खरे उतरने की कोशिश करें।
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उत्साह बढ़ाएं
"तुझसे तो हो नहीं सकता, यह तेरे बस की बात नहीं है, तूने कभी कुछ अच्छा किया ही क्या है..." ऐसी बातें बच्चों के दिमाग पर बड़ा गहरा असर डालती हैं, जिन्हें वे चाहकर भी नहीं भूल पाते हैं। ऐसे में हर मां-बाप को बच्चों से ऐसी बातें करने से बचना चाहिए। भले ही आपको इरादा उनका उत्साह बढ़ाने का हो, लेकिन ध्यान रखें कि बच्चे वहीं समझते हैं जैसा देखते सुनते हैं। इसलिए हर परिस्थिति में उनका उत्साह बढ़ाएं, इसमें मीठी बोली ही काम आती है।