क्या आपका बच्चा भी है मूडी, तो इन तरीकों से करें उसे हैंडल
क्या आपका बच्चा भी कभी गुस्सा हो जाता है तो कभी एकदम शांत कभी चिड़चिड़ा तो कभी शरारती। ऐसे बच्चों को हैंडल करना आसान काम नहीं होता। सबसे पहला चैलेंज तो उनका मूड भांपना ही होता है फिर उस पर रिएक्ट करना होता है तो ऐसे बच्चों को कैसे करें हैंडल। माता- पिता के लिए ये जानना बहुत जरूरी है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पेरेंटिग बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। आप बच्चों को जैसा माहौल देते हैं आगे चलकर वो उसी अनुसार ढलते हैं। अगर घर में आए-दिन लड़ाई-झगड़े होतेे हैं, स्कूल में टीचर का व्यवहार बच्चे के प्रति सही नहीं है, आस-पड़ोस में भी रोजाना कुछ न कुछ बवाल होता रहता है, तो इसका उनके दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। जिसके चलते वो जिद्दी, चिड़चिड़े, मुंहफट हो सकते हैं। जिन्हें संभालना एक चैलेंज होता है। वैसे टीनएजर्स में ये परेशानी ज्यादा देखने को मिलती है। क्योंकि इस दौरान उनके शरीर में कई तरह के बदलाव हो रहे होतेे हैं। साथ ही और कई दूसरी वजहें भी होती हैं।
वैसे तो उनसे बात करके काफी हद तक इस समस्या को सुलझाया जा सकता है, लेकिन अगर फिर भी बात नहीं बन रही, तो इन तरीकों को आजमाकर देखें।
फीलिंग को एक्सप्रेस करने की फ्रीडम दें
मूडी बच्चों को सही तरीके से हैंडल करने का सबसे पहला उपाय है कि उन्हें अपने विचारों को व्यक्त करने की आजादी दें। जिससे बच्चे बिना किसी डर के अपने मन की बात को आपसे शेयर कर सकें। यकीन मानिए आधी समस्या तो यहीं दूर हो जाएगी। बच्चों के पल-पल बदलते मूड के पीछे उनके अंदर दबी भावनाएं हो सकती हैं। शांति से बैठकर उनसे बातचीत करने से उन्हें अच्छा फील होगा और ये प्रैक्टिस आपके लिए भी अच्छी रहेगी।हाइपर न हो
ऐसे बच्चों के हर पल बदलते मूड के पीछे अपना मूड न खराब करें। सबसे ज्यादा जरूरी है कि ओवर रिएक्ट न करें। हो सके उनकी कुछ एक्टिविटीज आपको इरीटेट करें, लेकिन उन्हें शांत करने के लिए मारना-पीटना बिल्कुल भी सही तरीका नहीं। इससे वो और ज्यादा बिगड़ सकते हैं। किन चीज़ों से उनका मूड खराब होता है, गुस्सा आता है ये पहचानने की कोशिश करें।
घर का माहौल पॉजिटिव रखें
बच्चों के ऐसे स्वभाव के पीछे कई बार पारिवारिक माहौल भी जिम्मेदार होता है। घर में अगर आए दिन झगड़े होते हैं, कोई किसी से अच्छे से बात नहीं करता, गाली-गलौज भी होती रहती है, तो ऐसे में बच्चे का गुस्सा होना, चिड़चिड़ापन होना स्वभाविक है। इससे बच्चों की मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है। इससे निपटने के लिए घर का माहौल पॉजिटिव रखने की कोशिश करें।रिश्तों में प्यार और अपनापन, बड़े-बुजुर्गों की इज्जत, मिलजुल रहने की आदत बच्चों की अच्छी परवरिश में बहुत योगदान देती है।ये भी पढ़ेंः- इन तरीकों से बढ़ा सकते हैं परिवार में एकता और खुशी का माहौलPic credit- freepik