Parenting Tips: पैरेंट्स लापरवाह बच्चों को काबिल और जिम्मेदार कैसे बनाएं?
Parenting Tips छोटी उम्र के बच्चे नादान होते हैं और जिम्मेदारियां निभाना उन्हें समझ नहीं आता। ऐसे में पैरेंट्स को ही उन्हें बचपन से छोटी-छोटी जिम्मेदारियां देकर समझदार बनाने की जरूरत होती है। कोई भी मां-बाप नहीं चाहेगा कि उनका बच्चा लापरवाह बने लेकिन इसके लिए बचपन से ही उनकी ग्रूमिंग करने की जरूरत होती है। तो आइए जानें आसान टिप्स।
By Jagran NewsEdited By: Ruhee ParvezUpdated: Mon, 11 Dec 2023 01:42 PM (IST)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Parenting Tips: छोटे बच्चे मासूम होते हैं और उनके नन्हें कंधे भारी जिम्मेदारियां निभाने के लिए जल्दी तैयार नहीं होते हैं। लेकिन बचपन से ही जब हम बच्चों को उदाहरण देकर जिम्मेदारी लेना सिखाएंगे तो वे बड़े होने तक निर्भीक और आत्मविश्वास भरा जीवन जीने में सक्षम होंगे।
कुछ बच्चे जिद कर के अपने पेरेंट्स की बात नहीं सुनते हैं और हर काम में लापरवाही बरतते हैं। कोई भी पैरेंट ये नहीं चाहता कि उनका बच्चा लापरवाह रहे, वे हर वो प्रयास करते हैं जिससे उनका बच्चा जिम्मेदार बन जाए। लेकिन ऐसी क्या चूक हो जाती है जिसकी वजह से वे बच्चे में नहीं कर पा रहे हैं सुधार!
आइए जानते हैं कि कैसे कुछ आसान तरकीब अपना कर आप अपने बच्चे को बना सकते हैं जिम्मेदार और काबिल :
- बच्चे को इस उम्मीद और विचार से बड़ा करें कि हम जो गंदगी फैलाते हैं, उसे खुद ही साफ करना पड़ता है। बच्चे को जिम्मेदारी सिखाने की ये सबसे पहली सीढ़ी हो सकती है।
- बच्चे को अपने काम खुद करने की आदत डालें। शुरुआत करें ब्रश करवाने से। पहले उन्हें खुद ही ब्रश करने को बोलें। जब वे कर लें, तब भले ही एक बार चेक करके आप सफाई की तसल्ली कर लें।
- इसी तरह धीरे-धीरे उन्हें अपने कपड़े फोल्ड करने को बोलें, उसे अपने कपबर्ड में रखना सिखाएं। ऐसी छोटी आदतों से ही वे बड़े-बड़े काम भी उम्र के साथ सीखते जाएंगे और जिम्मेदारी से अपने सभी काम करने लगेंगे।
- बच्चों की तारीफ करें। जब भी वे एक छोटा-सा भी काम खुद से बिना बोले करें तो उनकी तारीफ करें। ये सोचना गलत है कि तारीफ करने से बच्चे बिगड़ जाते हैं। बल्कि तारीफ करने से बच्चे और भी जिम्मेदारी उठाने के लिए प्रेरित होते हैं और साथ ही उनमें और भी काबिल बनने की इच्छा उत्पन्न होती है।
- एक साथ कई काम न दें। जब आप बच्चे पर एकसाथ कई कामों की जिम्मेदारी थोपने की कोशिश करते हैं और फिर उनसे उम्मीद करते हैं कि वे सबकुछ अच्छे से करें, तो ये आपकी अतिश्योक्ति उम्मीद है। अपनी उम्मीदों को सीमित रखें। छोटे-छोटे काम करने को दें और उनके सभी छोटे बड़े प्रयासों की सराहना करें। एक साथ कई काम देख कर वे घबरा सकते हैं या काम से ऊब सकते हैं जिससे वे जिम्मेदार नहीं बनते।
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- घर के काम साथ में करें। जब आप किचन में जाएं तो उनसे सब्जियां गिन कर देने को बोलें। सब्जियां धोने का काम दे सकते हैं। बेडशीट बदलने में उनकी मदद लें। पौधों में पानी डालने को बोलें। इस तरह अपने साथ काम करवाने से वे आपकी तरह जिम्मेदार बनेंगे और आपकी मदद हमेशा करेंगे।