World Introvert Day: इंट्रोवर्ट लोगों के साथ जिंदगी लगने लगेगी आसान, अगर जान लेंगे उन्हें हैंडल करने के तरीके
World Introvert Day 2024 आज का दिन खासतौर से इंट्रोवर्ट लोगों को समर्पित है। इन लोगों की खासियत होती है कि ये सुनने में ज्यादा और बोलने में कम विश्वास रखते हैं। जहां इनके लिए ये बहुत नॉर्मल और स्वभाव में शामिल होता है वहीं कई लोगों को ये नेचर समझ ही नहीं आता तो आज हम जानेंगे इंट्रोवर्ट लोगों को हैंडल करने के तरीके।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Introvert Day 2024: हर साल 2 जनवरी का दिन विश्व अंतर्मुखी दिवस यानी वर्ल्ड इंट्रोवर्ट डे (World Introvert Day) के रूप में मनाया जाता है। अंतर्मुखी लोग स्वभाव से शांत और कम बोलने वाले होते हैं, लेकिन इसका मतलब ये कतई नहीं कि वो बेवकूफ होते हैं या किसी तरह की मानसिक बीमारी से ग्रस्त होते हैं। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को इंट्रोवर्ट लोगों की दुनिया से रूबरू कराना है, लेकिन घर हो या ऑफिस या फिर रिलेशनशिप ऐसे लोगों को हैंडल करना थोड़ा चैलेंजिंग होता है। जिस वजह से कई बार ऐसे लोगों के साथ उलझन होने लगती है, तो आज हम आपको बताएंगे अंतर्मुखी स्वभाव के लोगों डील करने के कुछ ऐसे तरीके, जो आ सकते हैं आपके बेहद काम।
अंतर्मुखी (Introvert) नेचर क्या है?
हमारे घर-परिवार, दोस्तों, पड़ोस या ऑफिस में कुछ लोगों को स्वभाव ऐसा होता है कि वो आसानी से किसी के भी साथ घुल-मिल जाते हैं, तो वहीं एक दूसरे तरह के लोग होते हैं, जो हर किसी के साथ कंफर्टेबल नहीं हो पाते। कंफर्टेबल होने से मतलब खुलकर बातचीत न करना, अलग और अकेले रहना। ऐसे लोगों अंतर्मुखी कैटेगरी में आते हैं।बेबाकी से अपनी बात रखने वाले लोग कॉन्फिडेंट, बुद्धिमान और काबिल माने जाते हैं, इनके विपरीत शांत स्वभाव के लोगों को अकसर मूर्ख समझ लिया जाता है जबकि ऐसा नहीं है। खैर अगर आपकी भी लाइफ में, फ्रेंड सर्कल में या फिर ऑफिस में कोई इंट्रोवर्ट व्यक्ति है, तो जान लें उन्हें कैसे हैंडल करना है।
उन्हें समझने की कोशिश करें
इंट्रोवर्ट लोगों को अकेला रहना पसंद होता है, वो बिल्कुल भी बोर या उदास नहीं होते। बल्कि वो अकेले रहकर ज्यादा एन्जॉय करते हैं, तो इसे दिल पर लेने की जगह उन्हें समझने की कोशिश करें।
उनके नेचर की सराहना करें
इंट्रोवर्ट लोग एकदम से किसी बात पर रिएक्ट नहीं करते। बोलने से ज्यादा सुनने में बिलीव करते हैं और सोच-समझकर अपनी बात रखते हैं। यही चीज़ उन्हें दूसरों से अलग बनाती है, तो इस चीज़ को लेकर उन्हें टोकने के बजाय उन्हें प्रोत्साहित करें। क्योंकि सुनने की क्षमता हर किसी में नहीं होती। ऐसे लोगों में आम लोगों की तुलना में धैर्य भी ज्यादा होता है।उकसाएं नहीं
इंट्रोवर्ट लोगों की एक्स्ट्रोवर्ट लोगों से तुलना न करें। क्योंकि सबका अपना-अपना स्वभाव होता है। इसके अपने फायदे और नुकसान होते हैं। तुलना करने से सिर्फ लड़ाई-झगड़े बढ़ते हैं स्वभाव में बदलाव आने की संभावना कम ही होती है, इसलिए इसे अवॉयड करें।