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रिलेशनशिप हो या प्रोफेशनल लाइफ, आलोचनाओं को दिल पर लेने की जगह ऐसे करें उसे हैंडल

अपनी बुराई सुनना सिर्फ बच्चों को ही नहीं बड़ों को भी पसंद नहीं होता। कई बार तो लोग इसके चलते बातचीत बंद कर लेते हैं या सामने वाले से लड़ाई-झगड़ा कर लेते हैं लेकिन आलोचनाओं को डील करने का ये बिल्कुल भी सही तरीका नहीं। रिलेशनशिप हो या प्रोफेशनल लाइफ आलोचनाओंं को दिल पर लेने की जगह उन्हें कैसे डील करना है ये जानना जरूरी है।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Tue, 12 Mar 2024 01:11 PM (IST)
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इन तरीकों से करें आलोचनाओं को हैंडल
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। गलत होने के बाद भी अपनी बुराइयां सुनना किसी को पसंद नहीं होता। आलोचनाओं को लोग एक तरह से पर्सनल अटैक समझते हैं। इस वजह से लोगों को इसका जल्दी बुरा लग जाता है। कई बार तो इसके चलते लड़ाई-झगड़े हो जाते हैं और तो और लोगों की एक-दूसरे से बातचीत तक बंद हो जाती है, लेकिन आपको आलोचनाओं के पीछे का मकसद समझना होगा, साथ ही कौन क्रिटिसाइज़ कर रहा है इसपर भी गौर करना होगा। अगर आपने इसे समझ लिया, तो यकीन मानिए आपको कभी भी किसी भी चीज़ का बुरा नहीं लगेगा।

ऐसा नहीं है कि सिर्फ ऑफिस में ही Criticism का सामना करना पड़ता है, कई बार रिलेशनशिप, दोस्तों, घर-परिवार के साथ भी ऐसी सिचुएशन देखने को मिल सकती है। ऐसे में कैसे डील करें इस स्थिति को, जानेंगे इसके बारे में। 

आलोचनाओं से सीखें 

कोई समझदार व्यक्ति अगर आपकी आलोचना कर रहा है, तो उनसे नाराज या मुंह फुलाने की जगह उनकी कही गई बातों को स्वीकार करें। आलोचनाओं का मतलब हर बार दिल दुखाना नहीं, बल्कि आपकी गलतियों के बारे में बताना होता है। आपके व्यक्तित्व, बर्ताव से जुड़ी कोई आलोचना कर रहा है, तो उसे सुनें और सीखने की कोशिश करें। ये फंडा बहुत काम का है। 

पॉजिटिव होकर सोचें 

आलोचनाओं को हमेशा पॉजिटिव होकर डील करें। बेशक आलोचनाओं से मन में कुंठा पैदा होती है, गुस्सा आता है, लेकिन अगर सामने वाला सही है, तो उस पर बेवजह गुस्सा होकर आप अपना ही नुकसान करते हैं। वहीं पॉजिटिव नजरिए को अपनाकर आप चीज़ों को कंट्रोल में रख सकते हैं। 

सोच-समझकर करें रिएक्ट

अपने बारे में कुछ भी उल्टा सुनकर उस पर रिएक्ट करने की गलती बिल्कुल न करें। शांति से सुनें, समझें और फिर अगर कुछ जरूरी हो तो प्रतिक्रिया दें। गलत होने के बाद भी खुद को सही साबित करने की कोशिश मूर्खता है। जो सही है उसे मानने में कोई बुराई नहीं। आलोचनाओं को दिल पर लगाने की गलती तो बिल्कुल न करें। दूसरा अगर कोई ऐसा। व्यक्ति आपकी आलोचना कर रहा है, जिसमें खुद लाखों बुराइयां हैं, तो उस पर तो वैसे भी रिएक्ट करके आप अपना समय ही बर्बाद करते हैं।

धन्यवाद कहना न भूलें

आलोचनाओं को सुनकर हाइपर होने के बजाय सामने वाले को थैंक्स कहें। ये एक बहुत ही अच्छा तरीका है इस सिचुएशन को हैंडल करने का। आपके ऐसे एटीट्यू़ड से आप नहीं, बल्कि सामने वाला परेशान होता है। कुछ सीखने का मौका मिलेे, तो ठीक वरना आगे बढ़ें।

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Pic credit- freepik

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