Relationship Tips: मां-बाप और बच्चे के बीच के रिश्ते को मजबूत बनाएंगे ये 7 तरीके
Relationship Tips मां-बाप और बच्चे का रिश्ता किसी भी दूसरे रिश्ते की तरह ही होता है। एक मजबूत रिश्ता बनाने के लिए दोनों तरफ से प्रयास करने की जरूरत होती है। पैरेंट्स का उनके बच्चे के साथ रिश्ता उनके भविष्य पर असर डालता है। साथ ही पैरेंट्स के साथ बच्चे का किस तरह का संबध है यह उसके व्यवहार को प्रभावित कर सकते है।
By Ruhee ParvezEdited By: Ruhee ParvezUpdated: Fri, 01 Sep 2023 07:19 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Relationship Tips: एक बच्चे के लिए सबसे जरूरी रिश्ता वह होता है जो वह अपने मां-बाप या फिर देखभाल करने वालों के साथ बनाता है। बच्चे अपने आसपास की दुनिया के बारे में अपने मां-बाप से ही सीखता है। जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, वे सुरक्षा, प्यार आदि के लिए अपने मां-बाप पर ही निर्भर करते हैं। ऐसी ही बच्चों और मां-बाप के बीच एक मजबूत रिश्ता बनता है।
अगर आप भी एक पैरेंट हैं, तो बच्चे के साथ एक मजबूत रिश्ता बनाने की नींव शुरुआत से ही रखनी शुरू कर दें। बच्चे को समझें, उसके साथ समय बिताएं और उनके लिए एक सुरक्षित माहौल क्रिएट करें।
तो आइए जानें कुछ ऐसी बातों के बारे में जो आपके और बच्चे के रिश्तों को मजबूती दे सकती हैं।
अपना प्यार दिखाएं
एक स्वस्थ और अच्छे रिश्ते के लिए एक दूसरे के लिए प्यार जताना और दिखाना जिंदगी के हर पड़ाव पर जरूरी होता है। अपने बच्चे को गले लगाएं, उसे प्यार से दुलारें, ताकि वह समझे कि आपका और उसका रिश्ता खास है। जब भी आप अपने बच्चों से बात करें तो उसे उनके करीबी और दोस्त बनने के अवसर के रूप में देखें। उनसे गर्मजोशी से मिलें, मुस्कुराएं और उन्हें खुलकर बात करने के लिए प्रेरित करें।
बच्चे को बताते रहें कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं
जाहिर है कि हर मां-बाप अपने बच्चों से बेइंतहा प्यार करते हैं, लेकिन यह बात बच्चों को कहेंगे नहीं तो उन्हें कैसे पता चलेगा, फिर चाहे उनकी उम्र जो भी हो। सिर्फ इतना हर रोज उन्हें कहें कि आप उनसे बहुत प्यार करते हैं। इससे लंबे समय में आपका और बच्चे का रिशता बेहद मजबूद होगा।सीमा तय करें और नियम बनाएं
जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, वे अपनी आस-पास की दुनिया के बारे में सीखते हैं, उन्हें संरचना और मार्गदर्शन की जरूरत होती है। इसलिए अपने बच्चों से बात करें, कि आप उनसे क्या उम्मीद रखते हैं। जब नियमों को तोड़ा जाए, तो सुनिश्चित करें कि उसके उपयुक्त परिणाम भी हों, ताकि बच्चों को पता चले कि नियम तोड़ने पर क्या होता है।