Parenting Tips: बच्चों के 'स्क्रीन टाइम' पर रखें नज़र, ऐसे करें मोबाइल एडिक्शन को कंट्रोल
Parenting Tips बच्चों के हाथ मोबाइल न लग पाए ऐसा अब मुमकिन नहीं है। मोबाइल और इंटरनेट एक तरफ जहां बच्चों को स्मार्ट और टेक-फ्रेंडली बनाते हैं वहीं दूसरी तरफ यहां जरूरत से ज्यादा जानकारी भी मौजूद है जो उन्हें नुकसान भी पहुंचा सकती है। इसलिए बच्चे को मोबाइल जरूर दें लेकिन साथ ही यह भी देखें कि वह क्या देख रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Ruhee ParvezUpdated: Wed, 06 Sep 2023 04:43 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Parenting Tips: आजकल के पेरेंट्स के लिए बच्चे के हाथ में मोबाइल न देना सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी है। वे न तो इस आदत को एकदम से खत्म कर पा रहे हैं और न ही वे खुल कर बच्चों को मोबाइल दे कर इस चुनौती को स्वीकार कर सकते हैं। यह एक दुविधाजनक स्थिति होती है, जिसमें जबतक बच्चे के हाथ में मोबाइल रहता है, तब तक एक तनाव भरी स्थिति बनी रहती है। एक लगातार चिंता बनी रहती है कि वे क्या देख रहे हैं, कितनी देर तक देखेंगे और बच्चों से कुछ गलत लिंक न क्लिक हो जाए, इस प्रकार की दुविधा हर पेरेंट्स के मन में बनी रहती है।
लेकिन एक पैरेंट के तौर पर आपकी ये जिम्मेदारी बनती है कि आप अपने बच्चे के स्क्रीन टाइम पर नज़र रखें। आप ध्यान दें कि बच्चा क्या देख रहा है और कितनी देर तक देख रहा है।तो कैसे निकालें इस कठिन से दिखने वाले काम के समाधान का आसान तरीका, आइए जानें:
- सबसे पहले तो अपने मोबाइल में पासवर्ड लगाएं और पैटर्न लगाएं जिसकी जानकारी बच्चे को न दें।
- छोटे बच्चों को कभी भी यूट्यूब खोल कर न दें। वे एक वीडियो से दूसरे वीडियो पर क्लिक करते जाते हैं और बिना किसी जानकारी के वे किसी भी प्रकार के वीडियो तक जा सकते हैं। इसलिए अपनी गाइडेंस में ही यूट्यूब दें अन्यथा न दें।
- बच्चों को यूट्यूब किड्स या अमेजन किड्स जैसे एप दिखा सकते हैं, जो अलग से बच्चों के हिसाब से फिल्टर करके बनाए जाते हैं।
यह भी पढ़ें: क्या करें जब बच्चे बार-बार बोलें कि 'मैं बोर हो रहा हूं'?
- लेकिन किसी एप में भी मूवी या कार्टून के लिए एज लिमिट यानी उम्र का सेक्शन चेक करें। अपने बच्चे की उम्र के हिसाब से ही मूवी या कार्टून का चयन करें। बच्चों को चुनने का मौका दें, लेकिन आप अपने हिसाब से बैकग्राउंड चेक करके ही देखने की सहमति दें।
- जासूस बन कर बच्चों की जासूसी न करें। इससे वे आप से बच कर गलतियां करेंगे और आप से शेयर भी नहीं करेंगे। सामने से खुल कर बात करें, उन्हें प्यार से समझाएं और जागरूक करें।
- बार-बार बोलने पर भी अगर वे न समझें तो बच्चों की सुरक्षा के लिए मोबाइल के इस्तेमाल के प्रति आप कड़े नियम बना सकते हैं।
- अधिक मोबाइल के इस्तेमाल से होने वाले खतरों से बच्चों को अवगत कराएं। उन्हें समझाएं कि कैसे अधिक मोबाइल के इस्तेमाल से उनको ही नुकसान पहुंचेगा, जैसे:
- आंखों पर बुरा असर पड़ सकता है।
- उनकी नींद प्रभावित हो सकती है।
- उनका फोकस कम होता है।
- मोबाइल का एडिक्शन हो सकता है, जिसके न मिलने पर घबराहट और चिंता होने लगती है और व्यवहार में बदलाव होने लगता है।
- वे साइबर बुलीइंग का शिकार हो सकते हैं।
- वे असल समाज से कट जाते हैं।
- एकेडमिक परफॉर्मेंस पर नकारात्मक असर पड़ता है।
- गलत वेबसाइट्स पर क्लिक हो सकता है, जो उम्र के हिसाब से उनके लिए खतरनाक हो सकती हैं।
- मोबाइल पकड़े-पकड़े उनके हाथ और गर्दन में अकड़न और दर्द हो सकता है।
14. खुद अपने भी मोबाइल का कम इस्तेमाल करें, जिससे बच्चा आपसे सीखे और बात-बात पर मोबाइल न मांगे। 15. अनलिमिटेड प्लान की जगह ऐसे लिमिट इंटरनेट वाला प्लान लें, जिससे बच्चा चाह कर भी असीमित इंटरनेट का उपयोग न कर पाए।Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।