Parenting Tips: क्या आपका भी बच्चा लोगों के बीच बोलने से शर्माता है, तो कॉन्फिडेंट बनाने के लिए अपनाएं ये तरीके
Parenting Tips हर पेरेंट्स की चाहत होती है कि उनका बच्चा बेहतर इंसान बने और समाज में नाम रौशन करे। कई बच्चे काफी शर्मीले स्वभाव के होते हैं। वो किसी के सामने खुलकर नहीं बोल पाते हैं यहां तक कि अपने पेरेंट्स के सामने भी अपनी बातों को नहीं रख पाते हैं। अगर आपके भी बच्चे को यह समस्या है तो नीचे दिए गए टिप्स को जरूर फॉलो करें।
By Jagran NewsEdited By: Saloni UpadhyayUpdated: Thu, 26 Oct 2023 06:14 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Parenting Tips: हर मां-बाप को अच्छा लगता है, जब बच्चे अपनी बातों को खुलकर कहते हैं, नाचते हैं, दूसरों की एक्टिंग करते हैं, बड़ी बहन को तंग करते हैं, लेकिन वहीं बच्चे स्कूल में या किसी पार्टी फंक्शन में एक किनारे गुमसुम सा खड़ा रहें, तो पेरेंट्स को बहुत बुरा लगता है।
वैसे भी हर इंसान की अपनी अलग पर्सनालिटी होती है, कोई बहुत बातूनी होते हैं, तो कोई कम बोलने वाले, कोई ज्यादा फिजिकल एक्टिव होते हैं, तो कोई सुस्त प्रकृति के।लेकिन अपनी बातों को समय पर न कह पाना, इसलिए हमें हमारे बच्चों को समाज में अपनी बातों को कैसे रखना है ये सिखाना पड़ेगा। तो आइए जानते हैं अपने बच्चों को कैसे कॉन्फिडेंट बनाएं।
शर्मीले बच्चों को कैसे बनाएं कॉन्फिडेंट
शारीरिक या मानसिक किसी भी तरह से देखा जाए, तो बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं। इसलिए इनके अच्छे डेवलपमेंट की जिम्मेदारी हमारी बनती हैं, क्योंकि हम इन्हें जिस भी सांचे में ढालेंगे ये उसी में ढल जाएंगे। बेहतर यही होगा कि हम बच्चों की गतिविधियों पर फोकस करके समय रहते उनको अच्छा परवरिश दें और उन्हें समाज का श्रेष्ठ व्यक्ति बनने में मदद करें। शर्मीले बच्चों को कॉन्फिडेंट बनाने के कुछ आसान उपाय।यह भी पढ़ें: अगर पार्टनर करता है आपके साथ ऐसा बर्ताव, तो मतलब आप हैं टॉक्सिक रिलेशनशिप में
अपने बच्चे का अच्छा साथी बनें
अगर आपका बच्चा घर पर आपके और अन्य सदस्यों के साथ नॉर्मल रहता है, लेकिन बाहर निकलते ही एकदम शांत हो जाता है, तो ऐसे में उसे सबके सामने डांटे नहीं बल्कि एकांत में उससे पूछे कि आखिर क्या बात है। कई बार ऐसा होता है कि अगल-बगल का माहौल उसकी परेशानी का कारण हो सकता है, लेकिन कई बार कुछ और भी वजह हो सकती है, इसलिए आप उसकी परेशानी का कारण समझें और निवारण करें ।तुलना बिल्कुल भी न करें
हर बच्चों की अपनी कैपिसिटी होती है, इसलिए किसी एक बच्चे की तुलना किसी दूसरे बच्चे से करना उसे हतोत्साहित करना होगा। चाहे दोनों बच्चे खुद आपके ही क्यों न हों, ऐसा करने से बचें।