शादी के बाद पैसों को लेकर न हो आपसी लड़ाई-झगड़े, इसके लिए फॉलो करें ये टिप्स
शादी के बाद अगर आप चाहते हैं कि पैसों को लेकर न हो लड़ाई- झगड़े और किसी मुसीबत में न फैलाने पड़े दूसरों के आगे हाथ तो इसके लिए फाइनेंशियल प्लानिंग करके चलना बहुत जरूरी है। इससे आप कम सैलेरी में बचत भी कर पाएंगे। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ टिप्स के बारे में जो शादी के बाद कपल्स को जरूर करने चाहिए फॉलो।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। शादी के बाद जिम्मेदारियां थोड़ी बढ़ जाती हैं। अगर आपका पार्टनर वर्किंग है, तो किसी एक पर फाइनेंशियल जिम्मेदारियां को निभाने का बोझ नहीं रहता और ये एक बहुत ही बड़ा रिलीफ है, लेकिन फिर भी वैवाहिक जीवन में रूपए-पैसों को लेकर खिटपिट न हो, इसके लिए कुछ चीज़ों की प्लानिंग करके चलना बहुत जरूरी है।शादी के सात वचनों में पर्सनल फाइनेंस से जुड़ा भी एक वचन लें, इससे वित्तीय जीवन सुकून से चलेगा। आइए जानते हैं कैसे?
1. बजट बनाएं
शादी के बाद महीने की 15-20 तारीख आते ही हाथ खाली न हो जाए इसके लिए बहुत जरूरी है कि बजट बनाकर चलें। बजट बनाने के लिए 50-30-20 का रूल फॉलो करे। जिसमें इनकम का 50 फीसदी हिस्सा जरूरी खर्चों के लिए, 30 फीसद अपने शौक और एंटरटेनमेंट के लिए और 20 फीसदी बचत और इनवेस्टमेंट में। कोशिश करें बचत वाला हिस्सा हमेशा जरूरत वाले हिस्से से ज्यादा हो।
2. खर्च हो इनकम से कम
फाइनेंशियल हैप्पीनेस का एक जरूरी मंत्र है सोच-समझकर खर्च करना। हमारी प्राचीन संस्कृति में कहा भी गया है कि पांव उतने ही पसारो जितनी चादर हो। मतलब अपनी इनकम के हिसाब से खर्चे तय करें। बेहतर पर्सनल फाइनेंस के अनुसार खर्च इनकम से करीब 80 फीसद ही हों और कम से कम 20 फीसद सेविंग और इनवेस्टमेंट तो जरूर करने चाहिए। अगर आप खर्चे पर ध्यान नहीं देते, तो सैलेरी 1 लाख हो 4 लाख, कुछ भी सेविंग नहीं कर पाएंगे। इस तरह की लाइफस्टाइल होने पर आपको हर समय किसी न किसी तरह की मुसीबत के लिए तैयार रहना होगा।3. इमरजेंसी फंड बनाएं
इमरजेंसी में पैसों के लिए किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े इसके लिए एक इमरजेंसी फंड बनाकर रखें। इनवेस्टमेंट से कई बार इमरजेंसी में पैसे निकाल पाना पॉसिबल नहीं होता, तो ऐसे में ये इमरजेंसी फंड ही काम आता है। हां, इमरजेंसी फंड को अपने सेविंग बैक अकाउंट में रखें या फिर मच्युअल फंड की लिक्विड स्कीम में। इन दोनों से ही पैसे निकाल पाना आसान है। दूसरा इमरजेंसी फंड आपकी सैलेरी का कम से कम छह गुना होना चाहिए जिससे किसी भी तरह की मुसीबत को आप खुद से मैनेज कर सकें।
4. हेल्थ इंश्योरेंस भी है जरूरी
लाइफ इंश्योरेंस की तरह ही हेल्थ इंश्योरेंस भी बहुत जरूरी है। फैमिली फ्लोटर पॉलिसी अच्छा होता है क्योंकि बाद में बच्चे होने पर आप उन्हें भी इसमें एड करवा सकते हैं। हेल्थ पॉलिसी जितनी यंग एज में लेते हैं उतना अच्छा होता है। पेरेंट्स के साथ पॉलिसी ले रहे हैं, तो कम से कम 10 लाख रुपए तक का जरूर हो।5. तुरंत अमीर बनाने वाली योजनाओं से बचें
ज्यादा से ज्यादा पैसा बनाने के चक्कर में ऐसी योजनाओं में बिल्कुल न फंसे, जो आपके पैसे डबल करने की लालच देते हैं। किसी भी चीज़ में इनवेस्टमेंट करने से पहले उसके बारे में जान लेना जरूरी है। जहां कुछ नॉर्मल नहीं लग रहा, वहां थोड़ी-बहुत छानबीन कर लेने में कोई बुराई नहीं। ये भी पढ़ेंः- दोस्तों के सामने न बन जाए पति का मजाक, इसके लिए न करें ये गलतियांPic credit- freepik