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Self Care: दूसरों के चक्कर में खुद की केयर और लव को नजरअंदाज करना, बना सकता है आपको मानसिक रूप से बीमार

Self Care अपने आसपास के लोगों का ख्याल रखना बहुत ही अच्छी आदत है लेकिन इसके चक्कर में खुद की देखरेख को नजरअंदाज न करें। क्योंकि कई बार ये आदत आपको मानसिक रूप से बीमारी बना सकती है। स्ट्रेस एंग्जाइटी का शिकार हो सकते हैं तो अपना ख्याल रखना खुद से प्यार करना क्यों है जरूरी आइए जानते हैं इस बारे में।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Sun, 24 Dec 2023 09:24 AM (IST)
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सेल्फ लव और केयर को इग्नोर करना पड़ सकता है सेहत पर भारी

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। दूसरों की मदद करना अगर आपको अच्छा लगता है, तो इससे अच्छा कुछ हो ही नहीं सकता, लेकिन दूसरों की खुशियों का ख्याल रखने के चक्कर में अपने आपको नजरअंदाज न करें। खुद को सबसे पीछे रखने की आदत कई मायने में बहुत नुकसानदेह होती है। इससे कुछ समय के बाद एक ऐसा दौर आता है जब व्यक्ति खुद को अकेला और उदास महसूस करने लगता है खासतौर से जब वो खुद किसी प्रॉब्लम में होता है और वहां उसकी मदद के लिए कोई मौजूद नहीं होता। उसके मन में दूसरों के प्रति शिकायतें जमा होने लगती हैं वो यही सब सोचकर परेशान होता रहता है। यह प्रवृत्ति मेंटल हेल्थ के लिए भी बहुत घातक है।

क्या होता है नुकसान?

जब आप स्वयं के प्रति अनुदार होते हैं, तो आपको सबसे पहले यह समझना चाहिए कि ऐसा करके आप केवल अपना ही नहीं, बल्कि उन प्रियजनों को भी नुकसान पहुंचा रहे होते हैं, जिनका ख्याल रखते हुए आप अपने प्रति कठोर रवैया अपनाते हैं। ऐसी स्थिति में आपको बेचैनी महसूस हो सकती है। मन में असंतुष्टि की भावना पैदा हो सकती है, मैं दूसरों के लिए कितना कुछ करता है, पर कोई मेरी सहायता नहीं करता। सारी जिम्मेदारियां मुझे अकेले ही उठानी पड़ती है। ऐसे नकारात्मक विचारों से बचने के लिए सबसे पहले उन स्थितियों को पहचानने की कोशिश करें, जिनकी वजह से आपके मन में तनाव पैदा होता है। फिर सचेत तरीके से उनसे दूर रहने की कोशिश करें।

जारी रखें प्रयास

अगर आप शुरू से ही स्वयं के प्रति कठोर रवैया अपनाते हैं, तो इसमें अचानक बदलाव लाना असंभव है। इसके लिए निरंतर प्रयास करना जरूरी है। इसके प्रति निरंतर प्रयास करना जरूरी है।

निःसंकोच मदद मांगे

अगर तमाम कोशिशों के बावजूद आपको समस्या का कोई समाधान नजर न आए, तो आप बेझिझक किसी भरोसेमंद दोस्त से बात करें। अगर इसके बावजूद मनोदशा में कोई बदलाव न आए, तो किसी काउंसर से सलाह लें। अगर मन में मजूबत इच्छाशक्ति हो तो हर समस्या का समाधान संभव है।

याद रखें कुछ अच्छी बातें

अगर कभी आपका मन अशांत हो, तो कुछ अच्छी बातें याद करें, जैसे- कभी किसी ने आपकी तारीफ की हो, कभी आपको कोई पुरस्कार मिला हो, कभी आपकी मदद की वजह से किसी का भला हुआ हो या कभी किसी ने आपको धन्यवाद दिया हो। ऐसी सकारात्मक बातें आपको आपकी अहमियत का एहसास दिलाएंगी और आप बहुत अच्छा महसूस करेंगे। हर हाल में नकारात्मक विचारों से दूरी बनाकर रखें।

न भूलें ये चीजें

- अपनी खुशियों से समझौता न करें।

- दूसरों को माफ करना सीखें।

- कड़वे एक्सपीरियंस को भूल जाएं।

- अच्छे कार्यों के लिए खुद को शाबासी दें। 

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Pic credit- freepik