Parenting Tips: क्या आपका बच्चा भी पढ़ाई करने में दिखाता है नखरे, तो जानें कैसे हैंडल करें ये सिचुएशन
Parenting Tips बेहतर भविष्य के लिए पढ़ाई के प्रति गंभीर होना बेहद जरूरी होता है। हालांकि बच्चों को यह समझने में थोड़ी परेशानी होती है जिसकी वजह से अक्सर पढ़ने-लिखने से जी चुराते हैं। ऐसे में बच्चों का पढ़ाई न करना पेरेंट्स के लिए परेशानी की वजह बना रहता है। अगर आपका बच्चा भी पढ़ने में नखरे करता हैं तो इन टिप्स को फॉलो करें।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Parenting Tips: बच्चों की पढ़ाई को लेकर हर पेरेंट्स अक्सर चिंतित रहते हैं। इसका कारण हैं बच्चों के भविष्य को लेकर होने वाली टेंशन, जो हर पैरेंट्स को होती ही है। ऐसे में बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए पढ़ाई की चिंता करना स्वाभाविक है। जब बच्चे छोटे होते हैं, तो उन्हें अपने भले- बुरे का ज्ञान नहीं होता है और वे हमेशा अपना समय वीडियो गेम, टीवी या खेलकूद में बिताते हैं। ऐसे में उनके बेहतर भविष्य के लिए पेरेंट्स को चिंता सताने लगती है, जिसकी वजह से वह कई बार उन पर प्रेशर डालने लगते हैं।
हालांकि, प्रेशर कई बार उन्हें मानसिक रूप से परेशान कर सकता है। ऐसे में आप प्यार और प्रोत्साहन से उन्हें पढ़ाई के प्रति गंभीर बना सकते हैं। अगर आपका बच्चा भी अक्सर पढ़ाई से जी चुराता है और पढ़ने में नखरे दिखाता है, तो आप कुछ तरीकों से इस समस्या को आसानी से डील कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि कुछ ऐसे तरीके जिससे आपके बच्चे का मन पढ़ाई में लगने लगे-यह भी पढ़ें- वर्किंग पेरेंट्स के लिए मुश्किल हो सकती है बच्चों की परवरिश, इन 3 तरीकों से बनाएं इसे आसान
बच्चे को पढ़ाई की जरूरत को समझाएं
सभी बच्चे मासूम होते हैं, इसलिए उन्हें इस बात का कोई अंदाजा नहीं होता कि पढ़ाई का भविष्य में क्या महत्व होता है।। ऐसे में पेरेंट्स को ही उन्हें पढ़ाई के महत्व के बारे में समझाना होगा।
उनके प्रयास की सराहना करें
बच्चे को प्रोत्साहित करने के लिए जरूरी है कि आप उनकी सराहना करें। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आपका बच्चा पढ़ाई से संबंधित जो भी काम करे और जब वह इसे आपको दिखाए तो उसके लिए उन्हें प्रोत्साहित जरूर करें और उसके प्रयास की सराहना करें।बच्चों की डाइट का ख्याल रखें
बच्चों के बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास के लिए हमेशा उनकी डाइट का ख्याल रखें। आपका बच्चा पढ़ाई में मन लगाएं, इसके लिए उन्हें हमेशा हेल्दी डाइट दें, क्योंकि एक स्वस्थ शरीर के साथ ही एक स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है।
बच्चों की नींद पूरी होनी चाहिए
बच्चों की डाइट के बाद उनकी नीद का नंबर आता है, जिसके पूरा होने पर ही उनका दिमाग स्वस्थ रहेगा। वरना वे हमेशा थके हुए और कमजोर महसूस करते रहेंगे।योग और एक्सरसाइज भी जरूरी
बच्चे हों या बड़े सभी के बेहतर स्वास्थ्य के लिए योग और एक्सरसाइज जरूरी है। इससे वे शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ-साथ मानसिक रूप से तंदरुस्त भी रहते हैं, जिससे उनका पढ़ाई में मन लगेगा।पढ़ने के सही जगह का चयन
बच्चों की पढ़ने के लिए टेबल चेयर के साथ रोशनी और वेंटिलेशन की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। सूर्य की रोशनी हो तो और भी अच्छा होगा।तनाव मुक्त रखें और खेलना जरूरी है
बच्चों पर पढ़ाई का किसी तरह का प्रेशर न बनाएं। हां, पढ़ने के लिए उन्हें हमेशा मोटिवेट करते रहें। पर्याप्त खेलने का मौका दें, जिससे वे पढ़ाई के समय खेलने के बारे में न सोचे। खेलने से उनका समुचित विकास भी होगा।अन्य बातों का भी रखें ख्याल
- घर का माहौल अच्छा रखें।
- बच्चों की पढ़ाई करने के लिए पिटाई कभी न करें।
- होमवर्क में सपोर्ट कीजिए, उसे मनोरंजक बनाएं।
- स्कूल में कहीं कोई परेशानी तो नहीं है, इसका पता लगाएं।