Parenting Tips: क्या आपके बच्चे भी आपकी हर बात को कर देते हैं अनसुना, तो हो सकती हैं ये 4 वजह
एक पेरेंट के तौर पर अपने बच्चे को सही परवरिश देना चुनौतीभरा कार्य होता है। खासकर जब आपका बच्चा बड़ा होने लगता है उसे चीजें समझाना काफी मुश्किल होने लगता है। अक्सर बड़े बच्चे अपनों से बड़े की बातों के अनसुना कर देते हैं जो पेरेंट्स के लिए परेशानी की वजह बन जाता है। ऐसे में जानते हैं कुछ कारण जिनकी वजह से बच्चे नजरअंदाज करते हैं पेरेंट्स की बात-
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Parenting Tips: माता-पिता बनना एक बेहद जिम्मेदारी भरा काम होता है। बच्चे की अच्छी परवरिश के लिए बतौर पेरेंट्स कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। हालांकि, जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, उन्हें समझना और समझाना भी मुश्किल होता जाता है। बड़े पर बच्चों में कई तरह के व्यवहारिक बदलाव देखने को मिलते हैं। इन बदलावों में से एक है, बातों को नजरअंदाज करना। अक्सर बड़े होने पर बच्चे अपनों से बड़ों की बात को नजरअंदाज करते हैं और उन्हें सुनना पसंद नहीं करते हैं।
आप चाहें उन्हें कितना ही समझा लें, एक समय ऐसा आ ही जाता है जब बच्चे मनमर्जी करने के शौकीन होने लगते हैं और आपकी बातों को नहीं मानते हैं। पेरेंट्स के लिए यह बहुत ही चुनौती भरा समय होता है। ऐसे में इस समस्या का समाधान निकालने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर बच्चें क्यों बड़ों की बातें नहीं सुनते हैं। अगर आप पेरेंट हैं और इस परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो आइए जानते हैं कि क्यों बच्चे नहीं सुनते हैं आपकी बात-
यह भी पढ़ें- इन संकेतों से समझें कि बढ़ गया है बच्चों का स्क्रीन टाइम, ऐसे लगाएं इस पर लगाम
आजादी की चाहत
अक्सर बड़े होने पर बच्चे घर से बाहर निकलकर घूमना-फिरना चाहते हैं। उन्हें घर की चार दीवारी में कैद रहना पसंद नहीं होता है। हालांकि, इस तरह बच्चों को किसी की निगरानी के बिना घर के बाहर छोड़ना उनके लिए सही और सुरक्षित नहीं होता। ऐसे में वे खुद को कैदी जैसा महसूस करते हैं और हर बात में अपनी आजादी की चाहत दिखाते हैं। ऐसा न होने पर वे चिढ़ कर हमारी बातों को नजरअंदाज करते हैं।
फेवरेट काम को छोड़ना
बच्चे टीवी पर अपना फेवरेट कार्टून देख रहे होते हैं और आप उनसे कहते हैं कि चलो पढ़ाई करो। टीवी जैसी दिलचस्प चीज को छोड़ कर आप उन्हें पढ़ाई जैसी बोरिंग चीज करने को कहते हैं। ऐसे में अपना फेवरेट काम को छोड़ना उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं आता और इसका विरोध जताते हुए वह आपकी बातों को अनसुना कर देते हैं।ऑर्डर सुनना पसंद नहीं
कोई हर समय सिर पर सवार हो कर हमें हमारे एक-एक एक्शन के लिए रोके या टोके, यह किसी को भी पसंद नहीं आता है। ठीक ऐसा ही बच्चों के साथ होता है। जब वह बड़े होने लगते हैं, तो उनके अंदर भी यही चाहत होती है कि बड़े लोगों की तरह उन पर भी ऑर्डर नहीं चलाया जाए, लेकिन जब ऐसा नहीं होता वे चिढ़ने लगते हैं और आपकी बातें नहीं सुनते।