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बच्चों का मानसिक संतुलन बिगाड़ देती है गेमिंग की लत, माता-पिता को ऐसे रखना चाहिए ख्याल

बच्चों के हाथ में स्मार्टफोन और उसमें Gaming Apps एक आम बात हो गई है। इस लत के चलते न सिर्फ मासूमों की पढ़ाई-लिखाई प्रभावित होती है बल्कि इसका असर उनके सोने-जागने से लेकर पूरे शेड्यूल पर पड़ता है। अगर आप भी एक पैरेंट हैं और इस समस्या से तंग आ चुके हैं तो यहां हम इसके समाधान से जुड़े कुछ टिप्स (Parenting Tips) लेकर आए हैं।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Mon, 05 Aug 2024 09:19 PM (IST)
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गेमिंग की लत से बचाना है मासूमों का बचपन, तो माता-पिता अपनाएं ये टिप्स (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बच्चों में दिन-ब-दिन बढ़ रही ऑनलाइन गेमिंग की लत (Online Gaming Addiction) न सिर्फ उनकी फिजिकल बल्कि मेंटल हेल्थ पर भी बुरा असर डालती है। अगर आप भी एक माता-पिता हैं और इसी समस्या से परेशान हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। यहां हम आपको कुछ ऐसे टिप्स (Child Mental Care Tips) बताएंगे, जिनकी मदद से आप बच्चे की ऑनलाइन गेमिंग को काबू में कर सकते हैं और उनके बचपन को बर्बाद होने से बचा सकते हैं।

बातचीत का रास्ता

गेमिंग को लेकर बच्चों को डांटना या पीटना बिल्कुल भी सही नहीं है। ऐसे में, वे और भी ज्यादा जिद्दी हो जाते हैं और रात में छिप-छिपकर गेम खेलना शुरू कर देते हैं। अगर आपका बच्चा भी इसकी लत में फंसता चला जा रहा है, तो उससे बातचीत की कोशिश करें और यह समझाएं कि यह किस तरह से उनकी आंखों और मेमोरी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

तकनीक का इस्तेमाल

तकनीक का इस्तेमाल करके भी आप बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग की लत को कंट्रोल कर सकते हैं। खासतौर से छोटे बच्चों को जब स्मार्टफोन दें, तो आप उसमें एज रेटिंग (Age Rating) सेट कर सकते हैं और उन्हें इनके फैक्टर्स के बारे में समझा सकते हैं। इन सब की बीच ध्यान रखें कि आपका बरताव उनके साथ सॉफ्ट ही होना चाहिए, जिससे वे विरोधी या हिंसक न हो जाएं।

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शेड्यूल की निगरानी

बच्चे का शेड्यूल सिर्फ मां नहीं बल्कि पिता को भी पता होना चाहिए। दिनभर वे क्या-क्या करते हैं और कमरे में अकेला होने पर उनके पास स्मार्टफोन तो नहीं रहता है, या फिर वे इसका ज्यादा से ज्यादा कितना इस्तेमाल करते हैं। इन बातों की जानकारी आपको जरूर होनी चाहिए।  इसके अलावा उनके साथ खाएं-पिएं, उठे-बैठें, जिससे वे ज्यादा से ज्यादा वक्त आपके सामने बिता सकें।

खुद को भी बदलना होगा

ऑनलाइन गेम्स और मोबाइल फोन से दूरी बनाकर भी आप बच्चों के बचपन को बचा सकते हैं। दिनभर मोबाइल से चिपके बच्चों को हैंडल करना है तो आपको भी बच्चों के सामने इसका इस्तेमाल कम करना होगा।

गेम्स पर ध्यान दें

हिंसक या मारपीट वाले गेम खेलने से बच्चों को दूर रखें, क्योंकि इससे वे हिंसक स्वभाव के होने लगते हैं और किसी भी बुरी घटना को अंजाम दे सकते हैं। ऐसे में, अगर उन्हें गुस्सैल होने से बचाना है तो आप इस तरह की गेम्स से उन्हें दूर रख सकते हैं।

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