बच्चों की लड़ाई ने कर दिया है नाक में दम, तो Sibling Rivalry खत्म करने के लिए अपनाएं 5 टिप्स
बच्चों की परवरिश हमेशा से ही एक मुश्किल टास्क रहा है। खासकर अगर घर में दो या उससे ज्यादा बच्चे हो तो यह और भी कठिन हो जाता है। सिबलिंग के बीच की लड़ाई हर घर में आम है। हालांकि जब ये लड़ाइयां गंभीर रूप लेती हैं तो घर की अशांति और परेशानी का कारण बन जाती हैं। ऐसे में पेरेंट्स के लिए कुछ टिप्स मददगार हो सकते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। समय चाहे जो भी हो, बच्चों की परवरिश हमेशा से ही पेरेंट्स के लिए चुनौती रहा है। खासकर मौजूदा समय में पेरेंटिंग एक बड़ा चैलेंस बन चुका है। ऐसे में अगर घर में दो बच्चे हों, तो यह टास्क और कठिन हो जाता है। जिस घर में एक से ज्यादा बच्चे होते हैं, वहां ढेर सारी लड़ाइयां होना स्वाभाविक हैं। सिबलिंग के बीच प्यार और मस्ती तो बहुत अच्छी लगती है, लेकिन जब लड़ाई शुरू होती है, तो यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होता है।
बच्चों के बीच की लड़ाई सुलझाना कई बार पेरेंट्स के लिए भी काफी मुश्किल हो जाता है और ये कभी न खत्म होने वाली सिबलिंग राईवलरी किसी दुश्मनी से कम नहीं लगती है। ऐसे में आप अपने बच्चों की सिबलिंग राईवलरी को मैनेज करने के लिए इन तरीकों को अपना सकते हैं।यह भी पढ़ें- बच्चे की परवरिश का प्रेशर बना सकता है माता-पिता को Parental Burnout का शिकार, ऐसे करें बचाव
तुलना न करें
एक बच्चे की तुलना दूसरे से करने से बच्चे को ये संदेश मिलता है कि दूसरा बच्चा अधिक स्मार्ट और अच्छा है, जिससे उनमें हीनभावना जन्म लेना शुरू कर देती है। भले ही आपका मकसद मोटिवेट करना हो, लेकिन बच्चे की मानसिकता उसे नकारात्मक तरीके से ही देखती है। इसलिए दो बच्चों में तुलना न करें।
एक की साइड न लें
अक्सर झगड़े जब बहुत गंभीर न हों, तो ऐसे में किसी एक की साइड लेकर दूसरे बच्चे को अकेला महसूस न कराएं। इससे बच्चा अपने भाई बहन के साथ आपके लिए भी नकारात्मक रवैया अपनाएगा। किसी एक को ये बोलने की जगह कि आपकी गलती है, ये बोलें कि चलो साथ में मिलकर इस समस्या का समाधान निकालते हैं।हेल्दी कंपीटीशन बनाएं
लड़ाइयों को सकारात्मक रुख में मोड़ने की कोशिश करें। कोई कंस्ट्रक्टिव गेम या फन में उसे बदल दें। इससे बच्चे डायवर्ट होते हैं और उनके बीच बेहतर करने की भावना डेवलप होती है।