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Robert Downey Jr.- ड्रग्स के चलते जाना पड़ा था जेल, तो पैसों की तंगी के भी हुए शिकार, ऐसा था आयरनमैन का बचपन

राबर्ट डाउनी जूनियर हॉलीवुड का एक जाना-माना नाम। जिसने आयरनमैन के कैरेक्टर से सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं। हाल ही में उन्हें ओपेनहाइमर फिल्म के लिए बेस्ट सर्पोटिंग एक्टर का ऑस्कर मिला। लेकिन आज जिस रॉबर्ट डाउनी जूनियर को लोग जानते हैं वो हमेशा से ऐसे नहीं थे। उनका जीवन कई संघर्षों से भरा था। आज उनके जन्मदिन 4 अप्रैल पर जानेंगे उनके जीवन के बारे में।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Thu, 04 Apr 2024 12:12 PM (IST)
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रॉबर्ट डाउनी जूनियर ने ऐसी बदली अपनी जिंदगी
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। रॉबर्ट डाउनी जूनियर, जिन्हें आयरनमैन के नाम से ज्यादा जाना जाता है। इस फिल्म ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया। इतना ही नहीं उसके बाद आई एवेंजर्स, कैप्टन अमेरिका, शरलॉक होम्स, सिविल वॉर फिल्मों में भी खूब धमाल मचाया। हाॅलीवुड एक्टर रॉबर्ट डाउनी जूनियर की देश-विदेश में अच्छी-खासी फैन फॉलोइंग है। आज यानी 4 अप्रैल को रॉबर्ट अपना 59वां जन्मदिन मना रहे हैं, लेकिन आज जिस आयरनमैन को आप जानते हैं, वो कभी ड्रग्स के आदि हुआ करते थे। उन्होंने अपनी लाइफ में कई उतार-चढ़ाव देखें। कुछ ऐसी थी उनकी जिंदगी...

रॉबर्ट डाउनी जूनियर का बचपन 

रॉबर्ट डाउनी जूनियर का जन्म 4 अप्रैल 1965 को न्यूयॉर्क के मैनहटन शहर में हुआ था। उनके पिता रॉबर्ट डाउनी सीनियर एक फिल्ममेकर थे और मां Elsie Ann एक एक्ट्रेस थीं। पिता के इस प्रोफेशन के चलते रॉबर्ट डाउनी जूनियर एक शहर से दूसरे शहर ठिकाना बदलते रहते थे। लंदन, न्यू मैक्सिको, कैलिफोर्निया जैसी कई जगहों पर उन्होंने अपना समय बिताया। फैमिली की आर्थिक स्थिति फिल्म के हिट और फ्लॉप होने पर टिकी होती थी, तो ऐसा नहीं था उनका बचपन बहुत आराम में बीता, बल्कि रॉबर्ट ने अमीरी के साथ गरीबी भी देखी। एक दौर ऐसा भी आया जब वह ड्रग्स के आदि हो गए थे। 1996 से 2000 के बीच वो कई बार गिरफ्तार भी हुए। ऐसा उन्होंने खुद बताया। 

साल 2003 की एक सुबह को याद करते हुए वह बताते हैं कि, 'वो नशे में इतने धुत थे कि उन्होंने एक बर्गर खाया, जो काफी पुराना था और शायद खराब हो चुका था। उसे खाकर उन्हें महसूस हुआ कि शायद वो दिन उनकी जिंदगी का आखिरी दिन है। इस स्थिति से गुजरने के बाद उन्होंने इस लत से बाहर निकलने का फैसला किया। ठीक होने के बाद उन्होंने सारे ड्रग्स समुद्र में बहा दिए और फिर कभी दोबारा हाथ नहींं लगाया।' 

पता होना चाहिए फोकस कहां करना है

राबर्ट बताते हैं कि, 'उम्मीद खोना आसान है, लेकिन बड़ी से बड़ी परेशानी अपने आप सुलझ जाती है, जब आप मन में कुछ ठान लेते हैं। हम कंट्रोल तभी खोते हैं, जब हमें यह नहीं पता होता कि ध्यान कहां लगाना है। जब भी आप किसी प्रॉब्लम का सॉल्यूशन ढूंढ़े, तो पता करें कि किस चीज पर फोकस कर आप अपने मेंटल स्टेट को बदल सकते हैं। जब हमें यह समझ आ जाता है तो हम अपनी एनर्जी को सही दिशा दे सकते हैं। मेरा स्वभाव अब ऐसा हो चुका है कि मुझे हमेशा पता होता है कि किस चीज़ पर ध्यान लगाना है इसलिए ड्रग्स की तरफ वापस जाने की नौैबत नहीं आई।'

साल 2024 में मिला ऑस्कर अवॉर्ड

1992 में रॉबर्ट ने 'चार्ली चैपलिन' मूवी में चैपलिन का किरदार निभाया। इस फिल्म ने उन्हें एकेडमी अवॉर्ड के नॉमिनेशन तक पहुंचा दिया, लेकिन वो अल पचीनो से हार गए, लेकिन फाइनली लंबे संघर्ष के बाद रॉबर्ट को साल 2024 में ऑस्कर अवॉर्ड मिला। डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन की मूवी 'ओपेनहाइमर' में अपने सर्पोटिव रोल के लिए। 

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Pic credit- freepik