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Self Care के इन टिप्स की मदद से आप अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों लाइफ को बना सकते हैं बेहतर

सेल्फ केयर का अर्थ है खुद की देखभाल करना खुद से प्यार करना। लोग इस शब्द और उसके मतलब से तो वाकिफ हैं लेकिन इसके फायदों से अंजान। इसी वजह से वो इसी पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देते। लोगों को इसी की अहमियत बताने के उद्देश्य से हर साल 24 जुलाई को International Self Care Day मनाया जाता है।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Wed, 24 Jul 2024 03:24 PM (IST)
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पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को बेहतर बनाने में सेल्फ केयर का महत्व (Pic credit- freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अगर आपने वर्क-लाइफ बैलेंस करने का फंडा समझ लिया, तो समझ लीजिए आपने खुश और टेंशन फ्री रहने का सीक्रेट जान लिया। आजकल ऑफिसेज में काम का प्रेशर इतना ज्यादा बढ़ गया है कि लोग घर आने के बाद भी इससे बाहर नहीं निकल पाते हैं और धीरे-धीरे ये आपकी पर्सनल लाइफ को इफेक्ट करने लगता है। एक बात समझ लें प्रोफेशनल लाइफ के पंगे पर्सनल लाइफ को इफेक्ट करते ही करते हैं और पर्सनल लाइफ के लोचे प्रोफेशनल लाइफ को प्रभावित करते है, इसलिेए तो दोनों लाइफ में बैलेंस बनाकर चलना जरूरी है। सेल्फ केयर पर ध्यान देकर काफी हद तक ऑफिस और घर के बीच संतुलन बनाकर चला जा सकता है। आइए जानते हैं कैसे। 

ब्रेक है जरूरी

सेल्फ केयर की आवश्यकता को समझते हुए काम के बीच ब्रेक लेना भी बहुत जरूरी है। बिना ब्रेक लिए लगातार बैठकर काम करने से बॉडी एंड माइंड दोनों बैठे-बैठे ही थक जाते हैं और इससे गुस्से, तनाव और डिप्रेशन बढ़ता है। ऑफिस की फ्रस्टेशन घर में भी कलह की वजह बन सकती है, तो इससे बचने के लिए हर थोड़े देर में ब्रेक लें। दोस्तों या फैमिली से बातचीत कर या अपना कुछ पसंदीदा काम करके माइंड को रिचार्ज करें। 

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मेडिटेशन का लें सहारा

मेडिटेशन का अभ्यास माइंड को रिलैक्स करने का काम करता है। जब आप दिमाग से फ्री रहेंगे, तो चीजों पर अच्छे तरीके से फोकस कर पाएंगे। समस्या का समाधान निकाल पाएंगे और सिचुएशन के हिसाब से सही डिसीजन ले पाएंगे। वहीं अगर आपका दिमाग शांत नहीं, तो घर हो या ऑफिस छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आता है और कई बार तो झगड़े तक की नौबत आ जाती है, जो सही नहीं।   

मी टाइम का समझें महत्व

मी टाइम भी एक ऐसी चीज है, जो आपको खुद से कनेक्ट करने का काम करती है। मी टाइम के दौरान टीवी, फोन, टैपटॉप हर एक चीज से दूर रहकर शांति से बैठें। बस और बस अपने बारे में सोचें। थोड़ी देर के ही इस आत्म मंथन से आप जीवन पर पड़ने वाले इसके असर को महसूस कर पाएंगे।

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