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इन पर‍िस्‍थ‍िति‍यों में शांत रहने से मजबूत बन जाता है Relation, बोलने से टूट सकती है र‍िश्‍तों की डोर

Strong Relationship Tips कभी कभार चुप रहना कमजोरी का प्रतीक नहीं होता है। कई बार चुप रहने से कई रिश्‍ते संवर भी जाते हैं। जबक‍ि बोलने से रिश्‍ते टूट जाते हैं। हम आपको कुछ ऐसी परिस्थितियों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां मौन रहकर हम न केवल अपने रिश्तों को बचा सकते हैं बल्कि उन्हें मजबूत भी बना सकते हैं।

By Vrinda Srivastava Edited By: Vrinda Srivastava Updated: Sun, 24 Nov 2024 01:27 PM (IST)
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र‍िश्‍तों को मजबूत बनाना है तो शांत रहना भी जरूरी। (Image credit- Freepik)
लाइफस्‍टाइल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। हमारे पूर्वज बताकर गए हैं क‍ि मौन से बड़ा हथि‍यार कुछ भी नहीं है। क‍िसी भी बाजी को शांत‍ि से जीता जा सकता है। हालांक‍ि रिश्तों में फीलि‍ंग्‍स और कम्‍युन‍िकेशन का अपना अलग महत्व है। लेकिन कई बार रिश्तों में चुप रहना समझदारी माना जाता है। कुछ विशेष परिस्थितियों में मौन अपनाना न केवल रिश्तों (Relationship Tips) को बेहतर बना सकता है, बल्कि मन की शांति और समझदारी भी बढ़ा सकता है। हर स्थिति में अपनी बात रखना जरूरी नहीं होता है। आज हम आपको अपने इस लेख में बताने जा रहे हैं क‍ि वाे कौन सी पर‍िस्‍थि‍त‍ियां हैं जब रिश्तों में चुप रहना ही बेहतर होता है।

गलतफहमी होने पर

अगर रिश्ते में किसी बात को लेकर गलतफहमी हो तो हमें तुरंत प्रतिक्रिया देने से बचना चाह‍िए। जरूरी है क‍ि इस दौरान हम शांत‍ि का पर‍िचय दें। स्थिति को समझने की कोश‍िश करें। गलतफहमी सुलझाने पर ध्‍यान दें ताकि रिश्ते में दरार न आए।

गुस्‍सा होने पर

जब कोई गुस्‍से में होता है तो उसे सही गलत का पता नहीं होता है। इस दौरान हमें शांत ही रहना चाह‍िए। ये बात सिर्फ पार्टनर्स के लिए नहीं बल्कि हर क‍िसी के ल‍िए और हर जगह के लि‍ए लागू होती है। क्‍योंक‍ि जब कोई व्यक्ति गुस्से में होता है, तब वह कई बार ऐसे शब्‍दों का प्रयोग करने लगता है जो आगे चलकर उसके ल‍िए गले की फांस बन जाता है। बेहतर होगा कि आप उस समय चुप रहें और अपने साथी को भी शांत होने का समय दें।

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दोष देने पर

अगर आपका पार्टपर हर छोटी-मोटी बात पर आप पर इल्‍जाम लगाने लगे तब स्थिति को संभालने के लिए चुप रहना ही बेहतर है। अगर आप भी तुरंत प्रतिक्रिया देंगे तो बात और बिगड़ सकती है।

पुराने झगड़े दोहराने पर

अक्‍सर आपने देखा होगा क‍ि क‍िसी भी झगड़े के दौरान पार्टनर्स एक दूसरे के पुराने झगड़े या गलतफहमियों को दोहराने लगते हैं। ज‍िससे र‍िश्‍ते में तनाव बढ़ सकता है। ऐसी स्थिति में चुप रहना ही बेहतर व‍िकल्‍प होता है। ताक‍ि बात अधि‍क न ब‍िगड़ पाए।

किसी तीसरे की बात आने पर

पत‍ि-पत्‍नी के रि‍श्‍ते में क‍िसी तीसरे के आने पर वि‍वाद हो ही जाता है। तो अगर आपके ल‍िए र‍िश्‍ता अहम‍ियत रखता हो तो किसी तीसरे को आने नहीं देना चाह‍िए। अगर क‍िसी एक की तरफ से ऐसा हो भी जाता है तो आप शांत रहने की कोशिश करें। पार्टनर को समय दें ताक‍ि वो आपकी अहम‍ियत समझ सके।

समय और स्पेस के लिए

क‍िसी भी रिश्ते में कोई भी समस्या का समाधान तुरंत नहीं मिलता। ऐसे में दोनों को समय और स्पेस देना जरूरी होता है। आप शांत रहकर साथी को अपनी भावनाओं को समझने का समय दें। खुद भी सोचें कि कैसे रिश्ते को बेहतर बनाया जा सकता है।

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