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वेकेशन के दौरान पेरेंट्स की ये आदतें अनजाने में करती हैं बच्चों को बुली, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलतियां

क्रिसमस और नए साल की तैयारियां जोरों-शोरों पर है। हर कोई फेस्टिव सीजन को एंजॉय कर रहा है। खासकर बच्चे इस दौरान काफी खुशियां मना रहे हैं क्योंकि उनका फेस्टिव सीजन जारी है। इस दौरान बच्चे अपने पेरेंट्स और परिवार वालों के साथ काफी समय बिताते हैं। हालांकि जाने-अनजाने में पेरेंट्स की कुछ आदतें बच्चों को बुली कर देती है। जानते हैं ऐसी ही कुछ आदतों के बारे में-

By Jagran News Edited By: Harshita Saxena Updated: Sat, 23 Dec 2023 07:54 AM (IST)
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पेरेंट्स की ये आदतें बच्चों को करती हैं बुली

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। छुट्टियों का मौसम आ चुका है और क्रिसमस वेकेशन की तैयारियां भी जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं। कोई घूमने का प्लान बना रहा है, तो कोई कुछ क्रिएटिव करने का शौक पूरा कर रहा है। बात अगर बच्चों के साथ वेकेशन बिताने की हो, तो जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। बच्चों को सुबह से शाम तक यह गाइड करना कि कैसे समय व्यतीत करें, जिससे वेकेशन का सदुपयोग हो, ये भी एक जरूरी काम हो जाता है।

हालांकि, अक्सर पेरेंट्स वेकेशन के हर एक पल का बखूबी इस्तेमाल करने के चक्कर में अपने बच्चों पर तरह-तरह के दबाव डालते हैं। अनजाने में ही सही, लेकिन पेरेंट्स अपने बच्चों को ऐसे चीजों में लिप्त करते हैं, जिनमें से कई कामों को बच्चे बेमन से जबरदस्ती करते हैं। आइए जानते हैं कि कैसे वेकेशन के दौरान कैसे पेरेंट्स अनजाने में ही करते हैं बच्चों को बुली-

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क्रिसमस पर गिफ्ट न मिलने की धमकी देना

वेकेशन के दौरान बच्चे पेरेंट्स के साथ ज्यादा समय बिताते हैं और ऐसे में वे तरह-तरह की बदमाशी भी करते हैं। ऐसे में बच्चे जब भी कोई बदमाशी करते हैं, तो पेरेंट्स अक्सर उन्हें ये धमकी देते हैं कि अगर वे अच्छे से बिहेव नहीं करेंगे तो इस बार क्रिसमस पर उन्हें सैंटा क्लॉज गिफ्ट नहीं देंगे। बच्चों को अच्छा व्यवहार सिखाने का ये तरीका गलत है।

सैंटा क्लॉज की गोद में बैठने की जबरदस्ती करना

बच्चे अक्सर सैंटा क्लॉज को देख कर डर जाते हैं। उनकी लंबी दाढ़ी-मूंछ से बच्चे थोड़ा सहम से जाते हैं और कुछ बच्चे रोने भी लगते हैं। ऐसे में बच्चे के साथ जबरदस्ती करके पेरेंट्स उन्हें बुली करते हैं। ऐसा करना गलत है। मात्र एक फोटो के लिए बच्चे की भावनाओं के साथ न खेलें। उन्हें समझते हुए उनकी इच्छा के विरुद्ध उन्हें जबरदस्ती सैंटा की गोद में न बिठाएं।

किसी हॉबी क्लास में जबरदस्ती भेजना

बच्चे अगर फुटबॉल के शौकीन हैं और पेरेंट्स डांस क्लास में उसे भेजेंगे तो जाहिर है कि हर रोज क्लास में जाने से पहले बच्चा रोएगा, दुखी होगा, बेमन से तैयार होगा। ऐसा करके पेरेंट्स उन्हें एक तरह से बुली ही करते हैं। एक पैरेंट के तौर पर आपकी इच्छा गलत नहीं है कि आपका बच्चा ऑल राउंडर बने, लेकिन एक बालमन को समझते हुए उनके साथ जबरदस्ती करना भी गलत है। बच्चे के इंटरेस्ट को समझें और उसी हिसाब से उन्हें हॉबी क्लासेज ज्वाइन करवाएं।

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Picture Courtesy: Freepik