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बच्चों को डांटने के दौरान ना कहें ये बातें, जो डाल सकती हैं उनके मन पर बुरा असर

कई बार पेरेंट्स की कही कुछ बातें बच्चों के मन पर बुरा असर डाल सकती हैं जिसका खामियाजा उनके साथ आपको भी जिंदगी भर भुगतना पड़ सकता है। बच्चों को डांटते वक्त हम कई बार भूल जाते हैं कि उनसे क्या कहना है और क्या नहीं तो आज हम इसी के बारे में जानेंगे साथ ही उन्हें समझाने का सही तरीका भी।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Thu, 22 Feb 2024 09:10 AM (IST)
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बच्चों से ना कहें ऐसी बातें, जो कर सकती हैं उन्हें डिस्टर्ब
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बच्चों को डांटना पेरेंट्स के लिए बहुत ही नॉर्मल सी बात है, लेकिन कई बार उन्हें डांटने वक्त हम यह भूल जाते हैं कि हमारी कही हुई बातों का उनके मन पर कैसा असर पड़ेगा। डांटते वक्त गाली-गलौज करना, दूसरे बच्चों से उनकी तुलना करना, जरूरत से ज्यादा उम्मीदें पालना, सिर्फ उनकी कमियों को लाइटलाइट करन जैसी बातें उनके मन-मस्तिष्क पर नकारात्मक असर डालती हैं।

माता-पिता को यह समझना जरूरी है कि हर बच्चा टॉपर व ऑल राउडंर नहीं हो सकता, सबका आईक्यू लेवल एक जैसा नहीं होता। इसलिए यह जरूर ध्यान रखना चाहिए कि हम बच्चों से बातचीत के समय किन शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

1. तुम फलां की तरह अच्छे नंबर नहीं ला सकते

जब भी आप बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों के साथ करते हैं, तो इससे उनका कॉन्फिडेंस कमी होता है, दूसरे बच्चों के प्रति ईर्ष्या की भावना पैदा होती है और तो और वो तनाव का भी शिकार हो सकते हैं। टीनएजर में तो ऐसा करने से एग्रेशन बढ़ता है।

तो क्या करें

बच्चा एग्जाम में बहुत ज्यादा बुरा परफॉर्म करें, तो ध्यान दें, लेकिन अगर ठीक-ठाक नंबर लाया है, तो स्वीकार करें। लेकिन दूसरे बच्चे के साथ तुलना तो बिल्कुल भी न करें। उन्हें इस बात के लिए प्रेरित करें कि वे अपने कमियों को पहचान कर अच्छा परफॉर्म करें।

2. तुम लाइफ में कुछ नहीं कर पाओगे

बच्चों को डांटते वक्त अकसर मां-बाप के मुंह से निकल ही जाता है कि तुम लाइफ में कुछ नहीं कर पाओगे। इससे भी बच्चे का मोटिवेशन डाउन होता है और दूसरी बात अगर उन्होंने अपनी लाइफ में कुछ हासिल कर भी लिया, तो उसका क्रेडिट आपको तो कतई नहीं देंगे, लेकिन अगर नहीं कर पाए, तो इसकी जिम्मेदारी आपको जरूर देंगे। 

तो क्या करें

बच्चों से बातचीत करके उनकी पसंद और क्षमताओं को जानें। उसके अनुसार उन्हें गाइड करें। जरूरी नहीं आपका बच्चा पढ़ने में अच्छा हो, लेकिन हो सके वो स्पोर्ट्स, पेंटिंग, म्यूजिक या डांस में कई गुना बेहतर हो। 

3. तुम लड़कों/लड़कियों की तरह बिहेव मत करो

लड़कों को लड़की होने का ताना देना या लड़कियों को यह कहना कि यह काम लड़कियों के लिए नहीं होता, बहुत बड़ी गलती है। ऐसा करके आप बचपन से ही उनके दिमाग में अपोजिट जेंडर को लेकर भेदभाव पैदा करने का काम कर रहे होते हैं। बड़े होने पर बच्चों के मन में बहुत सी गलतफहमियां जन्म ले सकती हैं।

तो क्या करें

लड़का हो या लड़की, अगर उन्हें कोई काम करने से रोकना हो, तो लॉजिक देकर इसे समझाएं। आपके शब्दों से यह नहीं लगना चाहिए कि लड़कियां-लड़कों से कमकर हैं।

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Pic credit- freepik

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