हेल्दी खाना देख आपके बच्चे भी बनाने लगते हैं नाक-मुंह, तो इन तरीकों से दिलाएं उन्हें खाने में इंटरेस्ट
बच्चों के सही विकास और उन्हें सेहतमंद बनाए रखने के लिए हेल्दी खाना खिलाना बेहद जरूरी होता है। हालांकि बच्चे अक्सर हेल्दी फूड्स को देखकर नाक-मुंह बनाने लगते हैं जिससे उन्हें कुछ भी हेल्दी खिलाना मुश्किल हो जाता है। अगर आपका बच्चा भी एक पिकी ईटर है और खाने में नाटक करता है तो इन तरीकों से उन्हें हेल्दी फूड्स खिला सकते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बच्चों का खाना खिलाना एक मुश्किल टास्क होता है। बच्चे अक्सर हेल्दी फूड्स से दूर भागते हैं। जब बच्चा ढंग से खाना नहीं खाता है, तो एक मां हर समय पैनिक मोड में रहती है। कई वैरायटी, कई रेसिपीज और ढेरों मिन्नतों के बाद भी जब बच्चा खाना देखते ही भागने लग जाए तो ये चिंता का विषय तो बन ही जाता है। क्योंकि इस वजह से बढ़ती उम्र में उन्हें सही न्यूट्रिशन नहीं मिलता और वह कमजोर रह जाते हैं, जिससे बड़े होने पर कई बीमारियां उन्हें अपनी शिकार बनाने लगती हैं।
अगर आपका बच्चा भी इसी तरह खाने में आनाकानी करता है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। अपने पिकी ईटर बच्चे को आप निम्न तरीकों से खाने में इंट्रेस्ट दिला सकते हैं-यह भी पढ़ें- क्यों बचपन से ही जरूरी है कंसेंट की सीख देना, पेरेंटिंग काउंसलर से जानें इसका सही तरीका
ऐसे करें बच्चे को खाने के लिए प्रोत्साहित
- बच्चे को कौन सी डिश कितनी मात्रा में खानी है, ये उनसे पूछ कर निकालें। इससे उन्हें जिम्मेदारी का एहसास होगा कि ये खाने की प्लेट उनके अनुसार निकाली गई है, जिसे खत्म करना भी उनकी जिम्मेदारी है। हालांकि, एक पैरेंट होने के नाते बच्चा क्या खाएगा यह आप ही तय करेंगे।
- बच्चे की खाने की प्लेट में कम से कम एक ऐसी चीज जरूर रखें, जिसे देखकर वह खाने में दिलचस्पी दिखाए। एक पिकी ईटर के लिए खाने में दिलचस्पी दिखाना बहुत जरूरी होता है।
- बच्चा अगर खाने के लिए साफ मना कर देता है, तो फोर्स फीडिंग करने की जगह उसकी इस बात का सम्मान करें और खाना न सर्व करें। लेकिन इस दौरान इस बात का खास ध्यान रखें कि बच्चे के हाथ में कोई स्नैक या अन्य खाने की चीज न लगे। एक समय के बाद बच्चे को भूख लगेगी, तो वह खुद ही आपके पास खाना मांगने के लिए आयेगा।
- मील और स्नैक की एक रूटीन फिक्स रखें, जिससे मील के टाइम पर स्नैक उनकी नजर से दूर रहे।
- खाने का आकार, रंग, टेक्सचर बदल कर देने की कोशिश करें। हो सकता है कि बच्चा आलू न खाए, लेकिन वह घर के बने हाइजीनिक फ्रेंच फ्राइज जरूर खाएगा। इसके अलावा रोटी को अलग-अलग शेप में बना कर दें, जिससे उन्हें खाना क्रिएटिव दिखे और खाने के दिलचस्पी बढ़ें।
- सारी मेहनत और कोशिशों के बाद भी अगर बच्चा खाने के लिए तैयार नहीं होता है, तो खुद को दोषी न मानें और न ही खुद को बुरा पैरेंट समझें। अपनी बात पर टिके रहें, जंक और प्रोसेस्ड फूड से पेट भरने की कोशिश न करें और धैर्य बनाए रखें।