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Parenting Tips: एग्जाम हो गए हैं खत्म, तो घर पर बच्चों को ऐसे रखें व्यस्त

मार्च का महीना आते ही लगभग सभी बच्चों के एग्जाम खत्म होने लगते हैं। खासतौर पर छोटे बच्चों के। जिसके बाद उनकी छुट्टियां हो जाती हैं और रिजल्ट आने तक उन्हें स्कूल नहीं जाना होता। ऐसे में मां-बाप के सामने बच्चों को व्यस्त रखने की एक बड़ी चुनौती आ जाती है। तो आइए जानें कि बच्चों को कैसे बिजी रखा जा सकता है।

By Jagran News Edited By: Ruhee Parvez Updated: Wed, 13 Mar 2024 02:13 PM (IST)
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एग्जाम खत्म होने पर बच्चों को ऐसे रखें व्यस्त
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। मार्च के खत्म होते ही लगभग सभी बच्चों के एग्जाम खत्म होने लगते हैं और ये एक ऐसा समय होता है जब बच्चा सबसे ज्यादा फ्री रहता है। जब तक रिजल्ट नहीं आता तब तक आगे की पढ़ाई या क्लास नहीं होती और न ही अगले क्लास की चिंता रहती है। बच्चों के लिए ये समय एक अच्छा ब्रेक होता है जब वे अपनी दिलचस्पी के अनुसार अपना समय बिता सकते हैं। कोई घंटों टीवी देखने में बिता देता है तो कोई दिन भर खेलते ही रहता है।

एक पैरेंट होने के नाते आपके ऊपर इस बात का बोझ जरूर बढ़ता है कि बच्चों के इस गोल्डन पीरियड का कैसे फायदा उठाया जा सकता है। ऐसा क्या करें जिससे आपके बच्चे खुशी-खुशी इस समय का सदुपयोग कर सकें।

तो आइए जानते हैं कि एग्जाम खत्म होने पर बच्चों को कैसे रखें बिजी

  • उनकी हॉबी को एक्सप्लोर करने को कहें: हर बच्चे की कोई न कोई हॉबी जरूर होती है। किसी को पेंटिंग करना पसंद होता है, तो किसी को डांसिंग। बच्चे की दिलचस्पी के अनुसार, उन्हें अपनी हॉबी को एक्सप्लोर करने के लिए प्रोत्साहित करें।
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  • हॉबी के अलावा कुछ नया स्किल डेवलप करें: कई बार ऐसा होता है कि बच्चों को ये पता ही नहीं होता है कि वे किस कला में बढ़िया कर सकते हैं। इसलिए छुट्टियों में उन्हें किसी नए स्किल को डेवलप करना सिखाएं। इसके लिए कोई स्पेशल क्लास ज्वाइन करना हो तो वो भी कराएं।
  • नेचर से कनेक्शन बढ़ाएं: बच्चे अपनी व्यस्त दिनचर्या में बहुत कम समय नेचर के साथ बिता पाते हैं। इस समय का पूरी तरह से फायदा उठाएं और बच्चे को जितना हो सके नेचर के साथ समय बिताने को कहें। रात में खुले आसमान के नीचे तारे दिखाएं, सुबह सूर्योदय दिखाएं, पंछियों की चहचहाहट सुनाएं। ये सब सुनने में बहुत ही मामूली सी बातें लग सकती हैं, लेकिन बच्चों के सम्पूर्ण विकास में नेचर के साथ बिताए इस समय का असर बहुत ही प्रभावी होगा।
  • बच्चों को जर्नल करना सिखाएं: बच्चों को अपनी आकांक्षाएं, उम्मीदें, लक्ष्य और ऐसी बातों की जर्नलिंग करना सिखाएं जिसे वे हमेशा कहना चाहते हैं लेकिन समय की कमी या संकोच के कारण बोल नहीं पाते। इससे वे अंदर से बहुत ही अच्छा महसूस करेंगे और आपको भी उनके मन की बातें जानने का अवसर मिलेगा।
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  • अगली क्लास के टॉपिक्स ऑनलाइन समझें: अगली क्लास के लिए बच्चे को पहले से थोड़ा तैयार भी किया जा सकता है। इसके लिए अगली क्लास के बेसिक सब्जेक्ट्स के कुछ टॉपिक्स यूट्यूब या ऑनलाइन सर्च कर के समझ सकते हैं, जिससे अगली क्लास उन्हें अचानक से बोझ न लगे।
Picture Courtesy: Freepik

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