Depression Signs: जीवन के सबसे बेफिक्र पड़ाव 'बचपन' में ही क्यों बच्चे हो जाते हैं तनाव के शिकार
Depression Signs वयस्कों की तरह बच्चों में भी तनाव होना अब आश्चर्य की बात नहीं है। अगर आपका बच्चा भी तनाव से जूझ रहा है तो मां-बाप का मकसद होना चाहिए इसके मुख्य कारण तक पहुंचना। उसके बाद समस्या का हल ढूढ़ना चाहिए। अगर आपको लगता है कि स्थिति आपके वश के बाहर जा चुकी है तो बाल मनोचिकित्सक से सलाह लेने में जरा भी संकोच न करें।
By Jagran NewsEdited By: Ruhee ParvezUpdated: Wed, 02 Aug 2023 11:43 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Depression Signs: क्या आपने कभी सोचा है कि छोटे-छोटे बेफिक्र मस्त रहने वाले बच्चे भी मानसिक तनाव से गुजर सकते हैं? जिस उम्र में खेल कूद करके खुश रहना चाहिए उस उम्र में ये बच्चे भावनात्मक और शारीरिक रूप से कमजोर महसूस कर सकते हैं। हालांकि, ऐसा सभी बच्चों में नहीं होता है, लेकिन आजकल की जीवनशैली के हिसाब से अधिकतर बच्चों में तनाव और अवसाद जैसे लक्षण पाए गए हैं।
बच्चों में मानसिक तनाव के कारण
बच्चों की लाइफस्टाइल भी वयस्कों की तरह ही पहले से मुश्किल हुई है। पढ़ाई से लेकर खेलकूद में अव्वल आने की इस दौड़ में सभी लगातार आगे आने की कोशिश में लगे रहते हैं। तो आइए जानें कि बच्चों में अवसाद के कारण क्या-क्या हैं?
- पढ़ाई में पीछे रहना
- कई प्रकार के हुनर सीखने की होड़ में थक जाना
- दोस्तों द्वारा मजाक उड़ाना
- माता पिता के बीच मतभेद और लड़ाई देखना
- किसी रिश्तेदार या पड़ोसी के कारण असुरक्षित महसूस करना
- घर और स्कूल शिफ्ट होना
- शारीरिक बदलावों से गुजरना
- घर और स्कूल में डांट खाना
- शारीरिक शोषण या मार खाना
- किसी करीबी की मृत्यु
- दैनिक दिनचर्या अस्त व्यस्त होना
- नींद पूरी न होना
- डे–केयर में जाना
- पैसों की तकलीफ देखना
- बिना निर्देश के अपनी मर्जी से अधिक मोबाइल देखना
- डांट या मार पड़ने के डर से सबको खुश रखने की कोशिश करना
बच्चा मानसिक रूप से स्वस्थ है या नहीं इसका पता कैसे लगाएं?
हमें मानसिक तनाव के लक्षणों को ध्यान में रखते हुए उनसे रूबरू होना चाहिए और उनके तनाव को कम करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। बच्चों में डिप्रेशन के संकेत वयस्कों की तुलना कुछ अलग हो सकते हैं। तो आइए जानें कि आप इन्हें कैसे पहचान सकते हैं:
- बिना कारण रोना
- गुमसुम रहना
- खाना ढंग से न खाना/ भूख न लगना
- घबराहट और चिंता
- चिड़चिड़ापन
- जिद
- सिरदर्द
- गुस्सा
- नोंचना या काटना
- आत्मविश्वास में कमी
- माता पिता से हर समय चिपके रहना या चिढ़ कर उनसे दूर भागना
- किसी भी अजनबी से मिलने में संकोच करना
- डर-डर कर रहना
- थकान महसूस करना
- नींद में डर के अचानक उठ जाना
- असामयिक सोने का रूटीन
- मोबाइल न मिलने पर चिल्लाना या रोना
लक्षण दिखने पर क्या करें?
अगर आपको बच्चे में इसी तरह के कई नकारात्मक लक्षण देखने को मिलते हैं, तो समझ जाएं कि बच्चा तनाव से जूझ रहा है। बच्चे को डांटे या मारें नहीं, और न ही ताने मारकर बात करें। सबसे पहले बच्चे को प्यार से गले लगाएं और उसे महसूस करवाएं कि वह आपके पास बिल्कुल सुरक्षित है। उसके बाद बच्चे को पूरी तरह से खुल कर अपनी बात रखने का मौका दें और किसी भी कदम पर या किसी और के सामने उसकी आलोचना न करें। आप इसके लिए मनोचिकित्सक की मदद भी ले सकते हैं।Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।Picture Courtesy: Freepik/Pexels