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प्यार और विश्वास बढ़ाने के चक्कर में कहीं आप भी नहीं हो रहीं 'ब्वॉयफ्रेंड सिकनेस' का शिकार?

ब्वॉयफ्रेंड सिकनेस (Boyfriend Sickness) एक ऐसा टर्म है जो ज्यादातर नए रिलेशनशिप में देखने को मिलता है। इसमें अपने पार्टनर को स्पेशल फील कराने और लॉयलिटी दिखाने के लिए उसे हर बात बताई जाती है या उससे परमिशन ली जाती है। रिलेशनशिप की शुरुआत में ये अच्छा लग सकता है लेकिन बाद में इससे कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Wed, 28 Aug 2024 01:53 PM (IST)
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क्या है ब्वॉयफ्रेंड सिकनेस और इसके लक्षण (Pic credit- freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आई एम स्योर हम सबके ग्रूप में कोई न कोई ऐसा कैरेक्टर होता है, जो डेटिंग के वक्त अपने हर पल की खबर अपने पार्टनर तक पहुंचाता है। उसकी जिंदगी बस उसी व्यक्ति के इर्द-गिर्द नाचती नजर आती है। कई बार तो इस चक्कर में जरूरी काम तक इग्नोर कर दिए जाते हैं। फैमिली, फ्रेंड्स भी लाइफ में कुछ खास मायने नहीं रखते। वैसे तो ये कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं है, ज्यादातर रिलेशनशिप इस दौर से गुजरते हैं।

ऐसे बिहेवियर के पीछे की वजहें तो क्लियर नहीं है, लेकिन माना जाता है कि पार्टनर के प्रति अपना प्यार, लॉयलिटी जताने के लिए लोग ऐसा बर्ताव करते हैं। अच्छी बात यह है कि ये सिकनेस खुद से ही धीरे-धीरे खत्म भी हो जाती है, लेकिन इस आदत से लॉन्ग टर्म में कई तरह के नुकसान होते हैं। पर्सनैलिटी में इस तरह के बदलाव होते हैं, जो आगे चलकर आपके लिए मुसीबत का सबब बन सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे?

ब्वॉयफ्रेंड सिकने के लक्षण

  • लाइफ के छोटे से लेकर बड़े किसी भी तरह के डिसीजन खुद से नहीं ले पा रही हैं।
  • निजी फैसलों के लिए भी पार्टनर पर डिपेंड हो चुकी हैं।
  • आपकी जिंदगी अपने नए पार्टनर के इर्द-गिर्द ही घूम रही है।
  • पार्टनर के साथ न होने या बात न करने पर आपको इनसिक्योर और घबराहट फील होने लगती है।
  • पार्टनर की गलत बातों से भी आपको कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा है।

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ब्वॉयफ्रेंड सिकनेस के नुकसान

  • ब्वॉयफ्रेंड सिकनेस की आदत से डिपेंडेंसी बढ़ जाती है। मतलब छोटी-छोटी बातों, फैसलों के लिए पार्टनर की जरूरत महसूस होने लगती है।
  • जब पार्टनर किसी वजह से फोन नहीं उठाता या मिल नहीं पाता, तो इससे गुस्सा, तनाव बढ़ने लगता है।
  • ये सिकनेस कॉन्फिडेंस डाउन करने का भी काम करती है।
  • सोशल लाइफ खत्म हो जाती है।
  • पार्टनर के बिना जिंदगी खत्म सी नजर आती है, जो मेंटल हेल्थ के लिए सही नहीं है।

पार्टनर से प्यार करना, उसकी केयर करना अच्छी बात है, लेकिन उसके चक्कर में अपनी लाइफ को इग्नोर करना बिल्कुल भी सही चीज नहीं।

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