क्या है DINK Couples का मतलब और क्यों तेजी से हो रहा है यह ट्रेंड पॉपुलर?
आजकल ज्यादातर कपल्स DINK लाइफस्टाइल को अपना रहे हैं। जिसमें उनका पूरा फोकस करियर और खुद की खुशी पर होता है। मतलब वो अपने आप को जिंदगी भर फ्री रखना चाहते हैं इसमें बच्चे की जिम्मेदारी एक बाधा बन सकती है। DINK यानी डबल इनकम नो किड्स। आइए विस्तार से जानते हैं इस टर्म और इससे जुड़े फायदे व नुकसान के बारे में।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। DINK Couple: ऐसा माना जाता है कि शादी और बच्चे सही उम्र में हो जाने चाहिए। इसे पति-पत्नी दोनों के स्वास्थ्य के नजरिए से बेहतर माना जाता है। लेकिन समय तेजी से बदल रहा है। अब कपल्स सही उम्र को नहीं, बल्कि करियर को प्राथमिकता दे रहे हैं। बेशक लड़के-लड़कियों के लिए शादी की एक सही उम्र तय है, लेकिन मॉडर्न जमाने में बहुत कम युवा ही इसे फॉलो कर रहे हैं। खासकर शहरों में युवा तभी शादी करने की प्लानिंग कर रहे हैं, जब वो अपने करियर को लेकर पूरी तरह संतुष्ट हो जाते हैं। कमाल की बात यह है कि अगर सही समय पर शादी कर भी ली तो, तो फैमिली प्लानिंग में बिल्कुल भी जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं। आजकल ज्यादातर कपल्स शादी के बाद पहले अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं। उदाहरण के लिए घूमना-फिरना, मौज-मस्ती करना, खाना-पीना आदि।
क्या है डिंक कपल्स का ट्रेंड?
ऐसे मैरिड कपल्स जो टाइम से शादी कर चुके हैं, जॉब करते हैं और उनका फिलहाल फैमिली प्लानिंग का कोई इरादा नहीं है, उनके लिए एक टर्म का इस्तेमाल किया जाता है जिसे DINKs (Dual Income No Kids) कहा जाता है। इसमें वो कपल्स होते हैं, जो दोनों जॉब करते हैं लेकिन उन्हें पेरेंट्स बनने की कोई जल्दबाजी या जरूरत नहीं होती।यह एक ऐसा फैसला है जिसमें कपल्स को बच्चों को लेकर किसी तरह की टेंशन नहीं होती है। वो जो भी कमाते हैं अपने ऊपर खर्च करते हैं या सेविंग करते हैं। पिछले कुछ सालों में यह ट्रेंड तेजी से बढ़ा है और बहुत से कपल्स इसे फॉलो कर रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे उन्हें अपने शौक पूरे करने या खुलकर जीने का मौका मिलता है।
DINK कपल्स के फायदे
वास्तव में ऐसे कपल्स सामाजिक सोच-विचार से ऊपर उठकर खुद को प्राथमिकता देना जरूरी समझते हैं। वो अक्सर ऐसे काम करते हैं जिनसे उन्हें खुशी मिलती है और परिवार से ज्यादा अपने काम और अपनी पर्सनल लाइफ को महत्त्व देते हैं। बेशक इसके कुछ नुकसान हैं लेकिन कुछ फायदे भी हैं। ऐसे कपल्स को अपने लिए क्वालिटी टाइम मिलता है जिससे उन्हें खुशी मिलती है और खुद को निखारने का समय भी मिलता है। इतना ही नहीं, इससे कपल्स को एक-दूसरे को अच्छी तरह समझने में भी हेल्प मिलती है। इसके साथ-साथ रोजाना एक्सरसाइज करने, नई चीजों को सीखने से खुद को ज्यादा बेहतर इंसान बनाने में मदद मिलती है।
डिंक कपल्स की चुनौतियां
हालांकि कुछ लोग इस तरह की लाइफस्टाइल को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते हैं, खासकर पुराने ख्यालात के लोग। मां-बाप हमेशा चाहते हैं कि उनके बच्चे शादी के बाद जल्दी बच्चे की प्लॉनिंग करें। यही वजह है कि समाज में इस ट्रेंड का विरोध भी हो रहा है। ऐसे कपल्स को अक्सर स्वार्थी या पारंपरिक पारिवारिक अपेक्षाओं से भटकने वाला बताया जाता है। इससे खासकर वो महिलाएं प्रभावित हो रही हैं, जो परिवार को प्राथमिकता देना चाहती हैं लेकिन उन पर करियर या पर्सनल अचीवमेंट को लेकर एक अलग प्रेशर बना दिया जाता है।डॉ. नीरजा अग्रवाल, पीएचडी साइकोलॉजिस्ट, एमोनीड्स का कहना है कि, कई बार कपल्स की ऐसी सोच से परिवार और समाज में अलगाव जैसी सिचुएशन पैदा हो जाती है। जिससे बेवजह का तनाव होने लगता है। ऐसे में आप किसी एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं। वास्तव में मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट के पास सामाजिक दबावों को मैनेज करने, अलगाव की भावनाओं का समाधान करने और प्रभावी तरीके से बात करके मार्गदर्शन प्रदान करने की विशेषज्ञता होती है। मेंटल हेल्थ से जुड़ी प्रॉब्लम्स को स्वीकारें और उन्हें ठीक करने के उपायों पर ध्यान दें।'
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