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World Autism Awareness Day 2024: ऑटिस्टिक बच्चे हो सकते हैं बहुत ज्यादा गुस्सैल, इन तरीकों से रखें उन्हें शांत

हर साल 2 अप्रैल का दिन दुनियाभर में World Autism Awareness Day के रूप में मनाया जाता है। जिसका मकसद लोगों को इस समस्या के बारे में जागरूक करना है। जिसकी शुरुआत साल 2008 में हुई थी। ऑटिस्टिक बच्चे नॉर्मल बच्चों से थोड़े अलग होते हैं तो उन्हें हैंडल करने का तरीका भी अलग होता है। अगर आपका बच्चा ऑटिस्टिक के साथ गुस्सैल भी है तो ऐसे करें उसे हैंडल।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Tue, 02 Apr 2024 11:02 AM (IST)
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World Autism Awareness Day 2024: ऑटिस्टिक बच्चे के ट्रिगर्स को पहचानें और ऐसे करें उन्हें हैंडल
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Autism Awareness Day 2024: ऑटिज्म स्प्रेक्ट्रम डिसऑर्डर एक न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम है। इसका पता 2 या 3 साल की उम्र में चल जाता है। ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों को सामाजिक मेलजोल में कमी, बोलने, लिखने जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

ऑटिस्टिक बच्चों की क्षमताएं और आवश्यकताएं अलग-अलग होती हैं। इन बच्चों को खास देखभाल की जरूरत होती है। ये बच्चे अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने में नार्मल बच्चों की तरह सक्षम नहीं होते। कई बार उन पर बोलने का दबाव डाला जाता है। इससे उन्हें गुस्सा आता है। यहां पेरेंट्स को संयम बरतने की जरूरत होती है। उनके गुस्से के ट्रिगर्स को पहचानें और उन्हें सुरक्षित तरीके से गुस्से को मैनेज करने के बारे में सिखाएं। 

ऑटिस्टिक बच्चे के गुस्से की हो सकती हैं ये वजहें

  • बच्चा जब अपनी बातों और इमोशन्स को दूसरों तक नहीं पहुंचा पाता, तो इससे उसे गुस्सा आ सकता है।
  • ऑटिस्टिक बच्चे एक सेट रूटीन पर चलते हैं, तो उसमें किसी तरह का बदलाव उन्हें गुस्सा दिला सकता है।
  • कई बार बच्चे ऑटिज्म के साथ-साथ ADHD का भी शिकार होते हैं। जिसमें बच्चे हाइपर एक्टिव रहते हैं, तो उनकी एक्टिविटीज़ में किसी तरह की रोक-टोक उनके गुस्से की वजह बन सकती है।
  • जब बच्चे थकान या कमजोरी फील करते हैं, तो भी उन्हें गुस्सा आता है।

गुस्सैल बच्चों को ऐसे हैंडल

1. ट्रिगर्स को पहचानें

बच्चे को किन चीज़ों से गुस्सा आता है, इसे पहचानने की कोशिश करें, तभी आप उन्हें शांत करने के उपाय भी तलाश कर पाएंगे। तेज आवाज, डांट, जोर-जबरदस्ती, रूटीन में बदलाव इन सभी पर नजर रखें। 

2. आसान शब्दों और कमांड्स का इस्तेमाल करें

बच्चों को समझाने और सिखाने के लिए हमेशा सरल और क्रिएटिव तरीकों का इस्तेमाल करें। इससे आप उन्हें बड़ी से बड़ी बात आसानी से समझा सकते हैं। ऑटिस्टिक बच्चों के केस में तो ये और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है। इसमें आप पजल या किसी दूसरे गेम्स की भी मदद ले सकते हैं।

3. सफलता को सराहें

ऑटिस्टिक बच्चों का गुस्सा शांत करने के लिए आपने जो भी तरीका अपनाया है अगर बच्चा उसे फॉलो कर रहा है, तो उसकी इस अचीवमेंट पर उसे शाबाशी जरूर दें। इससे उसका मनोबल बढ़ता है।

4. गुस्से को निकालने का मौका दें

गुस्से को निकालने के लिए उन्हें सुरक्षित मौका दें। आप घर में सॉफ्ट पंचिंग बैग या कोई खिलौना रख सकते हैं। गुस्सा निकालने के लिए इन चीज़ों का कैसे इस्तेमाल करना है, वो भी उसे बताएं। 

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Pic credit- freepik