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Ayodhya Ram Mandir: विदेशों में भी छाया है श्री राम का नाम, जानें कहां-कहां देखने को मिलती है रामायण की झलक

पूरे देश में भगवान राम के स्वागत के लिए काफी जोश और उल्लास और देखने को मिल रहा है। अयोध्या राम मंदिर में 22 जनवरी को भगवान राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। भगवान राम के जीवन की कहानी रामायण केवल भारत में ही नहीं बल्कि अन्य कई देशों में भी खूब प्रचलित है। जानें भारत के अलावा और किन देशों में रामायण प्रचलित है।

By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Sun, 21 Jan 2024 12:25 PM (IST)
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भारत के अलावा, इन देशों में भी है रामायण का महत्व

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Ayodhya Ram Mandir: रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने में अब बस एक दिन का समय बचा है। अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए लोग इतने उत्साहित हैं कि लोगों में बिल्कुल दिवाली जैसा उल्लास नजर आ रहा है। राम नाम की गूंज लगभग हर गली-गूचे से सुनने को मिल रही है। रामायण से जुड़े प्रसंग और राम भजन गाकर लोग दशरथ नंदन का स्वागत कर रहे हैं। रामायण भगवान राम और माता सीता के जीवन की कथा है, जिसे लोग इतना पवित्र मानते हैं कि उसे पूजते हैं और रघुनंदन (भगवान राम) और वैदेही (माता सीता) को अपने जीवन का आदर्श मानते हैं। भारत में रामायण के कई संस्करण देखने को मिलते हैं, जिन्हें लोग खूब श्रद्धा के साथ पढ़ते और मानते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि रामायण, सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि, विश्व के अन्य कई देशों में भी खूब महत्वपूर्ण मानी जाती है, जो रामायण को अपनी संस्कृति और मान्यताओं के जरिए प्रस्तुत करते हैं और इतना ही नहीं बल्कि, वह उनकी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।आइए जानते हैं, भारत के अलावा और ऐसे कौन-कौन से देश हैं, जहां रामायण की कथा देखने और सुनने को मिलती है।

थाईलैंड (Thailand)

थाईलैंड में रामकियेन (Ramakien) , जिसे थाई रामायण कह सकते हैं, भगवान राम के जीवन की कहानी बताती है। यह रामायण वाल्मिकी रामायण से थोड़ी अलग है, जिसका कारण वहां की सांस्कृतिक और भौगोलिक विवधता हो सकती है। ऐसा माना जाता है कि रामकियेन पहले केवल जुबानी सुनाई जाती थी, लेकिन 18वीं शताब्दी के राजा रामा-1 के नेतृत्व में इस रामायण को लिखा गया, जो आज रामकियेन के नाम से थाईलैंड के लोगों के बीच खूब प्रचलित है।

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लाओस (Laos)

लाओस में रामायण का अलग रूप देखने को मिलता है, जिसे फरा लक फरा राम (Phra Lak Phra Ram) के नाम से जाना जाता है। इसमें लाओस की बौद्ध संस्कृति की बेहद शानदार झलक देखने को मिलती है। फरा लक फरा राम में भगवान राम को गौतम बुद्ध का पूर्व जन्म माना गया है और उन्हें ऐसा राजा माना जाता है, जो मर्यादा और धर्म के मार्ग पर चलते थे। ऐसे ही रावण को मारा का पूर्व जन्म माना गया है, जो गौतम बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति में बाधा डालने की कोशिश की है।

कंबोडिया (Cambodia)

कंबोडिया में भगवान राम के जीवन की कहानी रीमकर (Reamker) के नाम से जाना जाता है। रीमकर में भी बौद्ध धर्म का काफी प्रभाव नजर आता है। इसमें प्रभू राम के जीवन की कई घटनाओं को थोड़ा अलग तरीके से दिखाया गया है। इसमें अग्निपरीक्षा के बाद ही सीता श्री राम को त्याग कर महर्षि वाल्मिकी के आश्रम चली जाती हैं।

बर्मा (Burma)

बर्मा में भगवान राम के जीवन की कहानी को Yama Zatdaw के नाम से जाना जाता है। यह कई धार्मिक त्योहारों पर थिएटर के जरिए भी प्रस्तुत किया जाता है।

इंडोनेशिया (Indonesia)

इंडोनेशिया में रामायण के वर्जन को काकविन रामायण (Kakawin Ramayana ) कहा जाता है। इसे 8वीं या 9वीं में जावानीस लिपी में लिखा गया। इसमें राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान के मुख्य पात्रों के अलावा, कई स्थानीय देवताओं का भी जिक्र किया गया है। इस रामायण का वहां की संस्कृति पर इतना प्रभाव देखने को मिलता है कि इंडोनेशिया के प्रसिद्ध केकक नृत्य में रामायण के दृश्य भी शामिल है।

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