रोमांच और बनना हो याक का सवार तो जाएं सिक्किम इस बार
हिमालय की तलहटी में बसा सिक्किम है तो छोटा, लेकिन यहां के नजारे काफी लाजवाब हैं। तो आइए इस गर्मी क्यों न सिक्किम की सैर हो जाए।
By abhishek.tiwariEdited By: Updated: Tue, 27 Jun 2017 03:46 PM (IST)
गंगटोक
सिक्किम की राजधानी गंगटोक काफी खूबसूरत शहर है। पहाड़ियों की ढाल पर दोनों ओर आकर्षक भवन दिखाई देते हैं। शहर में पारंपरिक रीति-रिवाजों और आधुनिक जीवनशैली का अनूठा संगम देखने को मिलता है।
युक्सोमयह सिक्किम की पहली राजधानी थी। इस जगह को पवित्र स्थान समझा जाता है, क्योंकि सिक्किम का इतिहास ही इससे शुरू होता है। यह प्रसिद्ध माउंट कंचनजंघा की चढ़ाई के लिए बेस कैम्प भी है। यहां आप याक की सवारी भी कर सकते हैं।
सोम्गो लेकएक किलोमीटर लंबी और अंडाकार सोम्यो झील पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। मई और अगस्त के बीच झील का इलाका बेहद खूबसूरत हो जाता है। दुर्लभ किस्मों के फूल यहां देखे जा सकते हैं। इनमें बसंती गुलाब, आइरिस और नीले-पीले पोस्त शामिल हैं। झील में जलीय और पक्षियों की कई प्रजातियां मिलती हैं। लाल पांडा के लिए भी यह एक मुफीद जगह है। सर्दियों में झील का पानी जम जाता है।नाथुला दर्रानाथु-ला दर्रा भारत-चीन सीमा पर स्थित है। इसकी ऊंचाई 14,200 फीट है। सिक्किम को चीन के तिब्बत स्वशासी क्षेत्र से जोड़ता है। यह यात्रा अपने आप में आनंद देने वाला अनुभव है। धुंध से ढंकी पहाड़ियां, टेढ़े-मेढ़े रास्ते और गरजते झरने और रास्ता तो अद्भुत है। इस जगह जाने के लिए पर्यटकों के पास परमिट होना चाहिए।पेलिंगपेलिंग तेजी से लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनता जा रहा है। 6,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित इसी जगह से दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी माउंट कंचनजंघा को सबसे करीब से देखा जा सकता है। यह स्थान तो खूबसूरत है ही, पेलिंग के अन्य आकर्षण हैं सांगा चोइलिंग मोनास्ट्री, पेमायंगत्से मोनास्ट्री और खेचियोपालरी लेक।रूमटेक मोनास्ट्रीसिक्किम में कई मठ भी हैं। जिसमें रूमटेक मोनास्ट्री काफी फेमस है। यह भव्य मठ सिक्किम के शीर्ष पर्यटन केंद्रों में से एक है। इसी जगह पर 16वें ग्यालवा कर्मापा का घर है। मठ में असाधारण कलाकारी दिखती है। गोल्डन स्तूप इस मठ का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।युमथंग घाटी सिक्किम की युमथंग घाटी को लोग 'फूलों की घाटी' के नाम से जानते हैं। इस घाटी में हर साल 'इंटरनेशनल फ्लॉवर्स डे' मनाया जाता है। 1 मई से 31 मई तक चलने वाले इस फेस्टिवल को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। इस घाटी में रोडोडेंड्रोंस फूल की 24 अलग-अलग प्रजातियां मिलती हैं। मार्च-अप्रैल से इनके पौधों में कलियां लगनी शुरु हो जाती हैं। मई महीने में पूरा घाटी लाल और गुलाबी रंगों के फूलों से ढक जाती है।