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गर्मियों में सुकून दिलाने वाले ठिकानों में पॉपुलर डेस्टिनेशन है चोपता-तुंगनाथ, Budget में लें घूमने का मजा

गर्मियों में घूमने के लिए किसी ठंडी जाने की सोच रहे हैं लेकिन ज्यादा पैसे भी नहीं खर्च करना तो उत्तराखंड में स्थित चोपता- तुंगनाथ का कर सकते हैं प्लान। यहां सैर- सपाटे के लिए 4 से 5 दिनों की छुट्टियां काफी हैं। ट्रेकिंग के साथ अगर आप नेचर लवर भी हैं तो यहां आपके लिए काफी सारे ऑप्शन्स मौजूद हैं।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Mon, 17 Jun 2024 01:41 PM (IST)
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दिल्ली के नजदीक घूमने वाली जगह (Pic credit- explorewithdonna, samayraaa_326/Instagram)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। गर्मियों में पहाड़ों पर घूमने का सुकून ही अलग होता है। ठंडी-ठंडी हवा, हरी-भरी वादियां और रंग-बिरंगे फूल ट्रिप को यादगार और मजेदार बनाने का काम करते हैं। जिस तरह की गर्मी उत्तर भारत में पड़ रही है उसमें तो तन और मन को शांति हिल स्टेशन पर जाकर ही मिलेगी, तो अगर आप भी ऐसी कोई जगह ढूंढ़ रहे हैं, जहां जाने में बहुत ज्यादा मेहनत न करनी पड़ी, साथ ही घूमने में बहुत ज्यादा पैसे भी न खर्च करना पड़े, तो ऐसी जगहों की भारत में कोई कमी नहीं। ऐसी ही जगहों में शामिल है उत्तराखंड में स्थित चोपता। इस जगह की खूबसूरती हर किसी को मोहित कर देती है।

चोपता-तुंगनाथ का सफर

चोपता-तुंगनाथ को कवर करने के लिए 4 से 5 दिन का समय काफी है। दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान या कहीं से भी आ रहे हैं, आपको सबसे पहले हरिद्वार पहुंचना होगा। जिसके लिए आप बस या ट्रेन का ऑप्शन चुन सकते हैं। हरिद्वार पहुंचने के बाद आपको ऋषिकेश, देवप्रयाग और श्रीनगर होते हुए सारी गांव तक पहुंचना होता है। सारी गांव ही चोपता ट्रेक का बेस प्वाइंट है। मतलब यहीं से चोपता के लिए ट्रेकिंग शुरू होती है। ज्यादातर लोग सारी गांव में रात को आराम करके अगले दिन ट्रेकिंग के लिए निकलते हैं। 

अगले दिन सुबह ट्रेकिंग करके देवरिया ताल तक पहुंचना होता है। पहाड़ों से घिरा ये ताल गजब खूबसूरत है, जहां आप थोड़ी देर विश्राम कर सकते हैं। जो आपकी ट्रेकिंग की थकान दूर कर देगा। यहां भी एक रात का ब्रेक लिया जाता है।

चोपता

देवरिया ताल से सुबह-सुबह चोपता की ट्रेकिंग शुरू होती है। जिसका रास्ता मनमोहक होने के साथ ही काफी एडवेंचरस भी है। चोपता ट्रेकिंग में आपको 8-10 घंटे भी लग सकते हैं। यहां यात्रियों के ठहरने के सुविधा मौजूद है।

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तुंगनाथ

अगले दिन चोपता से तुंगनाथ की ट्रेकिंग के लिए निकलें। इसे पूरा करने में 5 घंटे का समय लग सकता है, लेकिन नजारे इतने खूबसूरत होते हैं कि सफर का पता ही नहीं चलता। पहाड़ और हरे-भरे बुग्याल से ट्रेकिंग करते हुए तुंगनाथ पहुंच जाएंगे। जहां आप दुनिया की सबसे ऊंचाई पर स्थित भगवान शिव का मंदिर देख सकते हैं। तुंगनाथ से थोड़ा और सफर तय कर आप चन्द्रशिला को भी कवर कर सकते हैं। तुंगनाथ आकर चन्द्रशिला देखना मिस न करें। यहां से हिमालय की ऊंची चोटियों को देखने का मौका मिलता है। 

कब जाएं?

मानसून के अलावा आप कभी भी तुंगनाथ ट्रेकिंग का प्लान कर सकते हैं। गर्मियां यहां घूमने के लिए बेस्ट हैं। सर्दियों में रास्ते में बहुत बर्फ मिलती है।

कैसे पहुंचे चोपता-तुंगनाथ?

फ्लाइट: अगर आप फ्लाइट से तुंगनाथ आने की सोच रहे हैं, तो देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट यहां का निकटतम हवाई अड्डा है। जहां से तुंगनाथ 180 किमी दूर है।

ट्रेन: अगरर आप ट्रेन से यहां आने का प्लान बना रहे हैं, तो हरिद्वार और ऋषिकेश सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। जहां से आपको आसानी से अपने डेस्टिनेशन के लिए कैब मिल जाएगी। 

रोड: अगर आप सड़क मार्ग से चोपता आने वाले हैं, तो दिल्ली से हरिद्वार के लिए हर थोड़ी देर में बसें चलती हैं। वैसे आप अपनी कार से भी हरिद्वार पहुंच सकते हैं। 

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