31 मार्च तक चलेगा Delhi Tourism Walk Festival, दिल्ली की 50 ऐतिहासिक विरासतों की सैर का है शानदार मौका
दिल्ली में चल रहा टूरिज्म वॉक फेस्टिवल घूमने फिरने और ऐतिहासिक विरासतों का दीदार करने के शौकीन लोगों के लिए किसी खास मौके से कम नहीं है। दिल्ली सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित किए गए इस फेस्टिवल में आपको दिल्ली की खूबसूरती को करीब से देखने का मौका मिल रहा है। आइए बिना देर किए जान लीजिए इससे जुड़ी सभी डिटेल्स।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Delhi Tourism Walk Festival 2024: देश की राजधानी में 17 फरवरी से शुरू हुआ दिल्ली टूरिज्म वॉक फेस्टिवल अभी जारी है। ऐसे में अगर आप भी घूमने फिरने के शौकीन हैं या ऐतिहासिक विरासतों को देखने में दिलचस्पी रखते हैं, तो 31 मार्च तक चलने वाले इस फेस्टिवल में शामिल हो सकते हैं। दिल्ली सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से इसका आयोजन किया गया है। आइए जान लीजिए इससे जुड़ी सभी जरूरी डिटेल्स।
ऐतिहासिक इमारतों को समझाने के लिए टूरिस्ट गाइड
महीने भर चलने वाले इस फेस्टिवल में आप दिल्ली की समृद्ध विरासत, ऐतिहासिक इमारतों और खान-पान को एक्सप्लोर कर सकते हैं। इस वॉक में आपको भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय से लाइसेंस प्राप्त गाइड भी मिलेंगे, जो दिल्ली की 50 अलग-अलग विरासतों और ऐतिहासिक अवशेषों की कहानी को विस्तार से बताएंगे। बता दें, दिल्ली में देश ही नहीं विदेशों से भी बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं, ऐसे में पर्यटन विभाग की कोशिश है कि जब भी विदेशी सैलानी देश में आए तो वह एक अच्छा खासा समय दिल्ली की खूबसूरती और विरासत को देखने-समझने में बिताए।यह भी पढ़ें- इन 5 जगहों के बिना अधूरी है दिल्ली की सैर, वीकेंड पर बना सकते हैं घूमने का प्लानदिल्ली पर्यटन विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने महरौली आर्कियोलॉजिकल पार्क से इसकी शुरुआत करते हुए कहा था, कि दिल्ली की कहानी पांडवों के इंद्रप्रस्थ से शुरू होती है, फिर पृथ्वीराज चौहान के किला राय पिथौरा पर आती है। तुगलक साम्राज्य के समय पर तुगलकाबाद, फिरोजाबाद बना, मुगल काल के अंदर शाहजहानाबाद बना, शेरशाह सूरी के समय में पुराना किला बना, इसके संबंध में यह भी कहा जाता है कि पुराना किला पांडवों के समय में खांडवप्रस्थ था। राजधानी इंद्रप्रस्थ थी, उसके बाद फिर भारत में अंग्रेज आए और अंग्रेजों ने एक नई लुटियंस दिल्ली बसाई, जिसको आज हम नई दिल्ली के नाम से जानते हैं। इन सभी अलग-अलग समय काल में अलग-अलग लोगों की सल्तनत में ज्यादातर दिल्ली ही राजधानी रही।