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आराम की तलाश में तेजी से बढ़ रहा है Sleep Tourism का चलन, जानें क्या है यह नया ट्रेंड

क्या आप जानते हैं कि आजकल नींद को खरीदना भी संभव हो गया है? आरती तिवारी बताती हैं कि क्यों लोग नींद के लिए इतने पैसे खर्च कर रहे हैं और आराम के नए-नए तरीके खोज रहे हैं। स्लीप टूरिज्म (Sleep Tourism) लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी से ब्रेक लेकर खुद पर ध्यान केंद्रित करने का मौका देता है। आइए इस आर्टिकल में जानें इससे जुड़ी कुछ खास बातें।

By Jagran News Edited By: Nikhil Pawar Updated: Sat, 07 Sep 2024 06:08 PM (IST)
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नींद की तलाश में निकल पड़े हैं लोग! जानिए क्या है Sleep Tourism (Image Source: Freepik)

नई दिल्ली, आरती तिवारी। मल्टीनेशनल कंपनी के नेटवर्किंग हेड सुमित को उस वक्त का इंतजार है जब दिन में वाकई 25 घंटे होने लगेंगे, ताकि वे अपना एक घंटा सिर्फ परिवार और आराम के नाम कर सकें। कंपनी की ओर से छुट्टियां तो तमाम हैं, मगर छुट्टी लेने का मौका नहीं मिलता। किसी तरह समय निकालकर परिवार के साथ एक सप्ताह के लिए गोआ घूमने गए तो फिर वहां के बीच घूमने के बजाय उन्होंने एक पूरा दिन सिर्फ सोने के लिए तय किया। दोस्तों ने ताना मारा कि इतनी दूर गए तो सिर्फ सोने, तो उनका एक ही उत्तर था- यह मेरा नेपेकेशन था। छुट्टियों पर जाकर भी थककर वापस आना और फिर दोबारा आफिस से घर के चक्र में फंस जाना किसी भी तरह से मजेदार नहीं होता। भारतीय इस बात को समझ रहे हैं और इसका विकल्प भी तलाश रहे हैं। हास्पिटेलिटी की दुनिया ने अपने कस्टमर की इस मांग को पूरा करने के लिए तेजी से बढ़ाया है स्लीप टूरिज्म का चलन।

जहां लोगों को घूमने-फिरने से ज्यादा अपने आराम, भरपूर नींद और दुनियाभर की भागदौड़ के लिए रिचार्ज होने की ओर रुझान होता है। नेशनल स्लीप फाउंडेशन की मानें तो कम नींद और अवसाद का सीधा और गहरा कनेक्शन होता है। एक समय था जब घूमने के लिए गए लोगों के लिए सारा दिन होटल के कमरे में सोते रहना सबसे व्यर्थ या टाइमपास माना जाता था, आज नींद पूरी करने की सुविधा होटल के लिए सेलिंग प्वाइंट नहीं बल्कि एक भरी-पूरी इंडस्ट्री का रूप ले चुकी है। आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट से लेकर पौष्टिक भोजन जैसी ढेरों सुविधाओं के साथ तेजी से ग्रोथ कर रहा है स्लीप टूरिज्म, नेपेकेशन या नैप हालीडे का चलन।

सुकून है देश की मिट्टी में

लक्जरी होती जा रही बेहतर नींद सारी दुनिया के लिए चिंता का विषय है। ऐसे में भारतीयों के साथ ही भारत आने वाले विदेशी मेहमान यहां के होटल में मिल रही वेलनेस सुविधाओं के जरिए अपने आराम की बुकिंग कर रहे हैं। आयुर्वेद, योग, मेडिटेशन से लेकर हाइड्रोथेरेपी, मसाज थेरेपी जैसी सेवाएं हमारी सांस्कृतिक विरासत हैं। ये पारंपरिक तकनीकें अच्छी नींद के साथ ही संपूर्ण स्वास्थ्य को सकारात्मक तौर पर प्रभावित करती हैं। यही वजह है कि यहां स्लीप टूरिज्म की मांग बढ़ रही है। केरल के कलकल करते झरनों से लेकर हिमालय की शांत वादियां तक आपकी अच्छी नींद का आश्वासन बनते हैं तो वहीं कई पांच सितारा होटल से लेकर रिजार्ट में उपलब्ध साउंडप्रूफ कमरे, आयुर्वेदिक स्लीप थेरेपी, अरोमाथेरेपी सहित एआइ असिस्टेड बिस्तर और हिप्नोथेरेपिस्ट जैसी स्लीप फ्रेंडली सुविधाएं आपको राजसी अनुभव देने को तैयार हैं।

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यहां पहुंचे तो मिलेगा चैन

वैसे यह चलन नए पैकेट में बेची जा रही पुरानी दवा जैसा ही है। 20वीं शताब्दी के आठवें दशक के दौरान लक्जरी होटल में आरामदायक नींद के लिए तकिया, सेंटेड चादर, ब्लैकआउट पर्दे, कमरों के रंग आदि के पैटर्न तैयार किए गए थे। ऐसा ही कुछ इन दिनों भी उपलब्ध है। अब अगर आपको भी ऐसा ही आराम चाहिए तो भारत के कई ऐसे डेस्टिनेशन आपकी सेवा में हाजिर हैं। शांतिपूर्ण झरनों वाले केरल से लेकर हिमालय की वादियों वाले हिमाचल प्रदेश तक, साफ आसमान और शांत मठवासी माहौल वाले लेह-लद्दाख से लेकर समुद्र के किनारों पर लहरों की आवाजों वाले गोवा और आध्यात्मिक माहौल से जीवन में सुकून लाने वाले वाराणसी व ऋषिकेश सहित कई स्थान आपके लिए बेहतर विकल्प हैं!

दोगुना मिले आराम

स्लीप टूरिज्म लोगों को अपने काम और जिम्मेदारियों से अलग होने और खुद पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर भी देता है। सोलो ट्रेवलर से लेकर कपल ट्रिप प्लानिंग में ऐसी ही जगहों को प्राथमिकता दे रहे हैं। वे होटल की तरफ से मिलने वाले वेलनेस प्रोग्राम और स्पा थेरेपी को ढूंढते हैं। हम स्लीप फ्रेंडली सुविधाओं वाले रिजार्ट के साथ पार्टनरशिप कर रहे हैं, ताकि गेस्ट वो सुविधाएं पा सकें, जिसके लिए वो अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकाल रहे हैं।

-रिकांत पिट्टी, को-फाउंडर, ईजमायट्रिप

हैं तैयार हम

हर कोई स्वयं को प्राथमिकता पर रखना चाहता है। स्लीप टूरिज्म के दौरान मिलने वाली राहत उनकी इस चाहत को पूरा करती है। कोई और आपकी वेलनेस के लिए तत्पर है तो फिर इसका चयन करना तो बनता है। कुछ दिनों की यह लग्जरी लाइफ जीवन की भाग-दौड़ के लिए कमर कस देती है। यही बात स्लीप टूरिज्म का भविष्य मजबूत करती है। लोग पहली बार गोआ आकर घूमने-फिरने की तरफ आकर्षित होते हैं, मगर छुट्टियों का मतलब हर बार घूमना ही नहीं होता। अब लोग होटल की सुविधाओं का आनंद लेने आते हैं, मेहमानों को मिलने वाली सुविधाएं उनके वेकेशन को यादगार बना देती हैं।

-हरीश गोपालकृष्णन, जनरल मैनेजर, द वेस्टिन होटल एंड रिजार्ट, गोआ

  • वीजा ग्लोबल ट्रेवेल इंटेंशन रिपोर्ट 2023 के अनुसार, विदेश यात्रा कर रहे भारतीयों में 51 प्रतिशत लोगों के लिए आराम करना प्राथमिकता होती है।
  • 85 प्रतिशत भारतीय घूमने के दौरान चाहते हैं सुकून से सोना, जबकि 20 प्रतिशत भारतीय घुमक्कड़ों की अगली सूची में शामिल है नैपेकेशन पर जाना। (स्काइस्कैनर ट्रेवेल ट्रेंड 2024 की रिपोर्ट)
  • 13 प्रतिशत आबादी रात में पांच घंटे से भी कम समय की नींद ले रही है भारत में। बढ़ता काम का दबाव, तनाव और अन्य वजहें हैं इसकी कारक, जो बढ़ा रहे हैं स्लीप टूरिज्म के अवसर।

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