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कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते चार धाम यात्रा रद्द

इस साल 14 मई को अक्षय तृतीया है। इस दिन गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलेंगे। इस दिन ही भगवान शिव की मूर्ति को उखीमठ के ओंकारेश्वर से बाहर ले जाया जाएगा। इसके बाद केदारनाथ मंदिर में प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा।

By Umanath SinghEdited By: Updated: Thu, 29 Apr 2021 03:03 PM (IST)
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धार्मिक मान्यता के अनुसार, केदारनाथ और बद्रीनाथ के कपाट अक्षय तृतीया के बाद खोला जाता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के चलते संक्रमितों की संख्या में बड़ी तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। इस महामारी के चलते देश के कई राज्यों में लॉकडाउन और नाईट कर्फ्यू लगा दिया गया है। अब पर्यटन पर भी इसका व्यापक असर पड़ने लगा है। ख़बरों की मानें तो कोरोना महामारी के चलते अगले महीने से शुरू होने वाली चार धाम यात्रा को रद्द कर दिया गया है। इस बात की जानकारी उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने दी है।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के चलते चार धाम यात्रा को रद्द कर दिया गया है।  इसके आगे उन्होंने कहा कि चार धाम के कपाट निर्धारित समय पर खुलेंगे। हालांकि, श्रधालुओं को मंदिर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। श्रधालु ऑनलाइन प्रभु के दर्शन कर पाएंगे। एक दिन पहले हाई कोर्ट ने सरकार को चार धाम यात्रा रद्द करने की सलाह दी थी। इसके बाद उत्तराखंड सरकार ने चार धाम यात्रा को रद्द करने की घोषण की है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, केदारनाथ और बद्रीनाथ के कपाट अक्षय तृतीया के बाद खोला जाता है। इसमें सबसे पहले केदारनाथ का कपाट खोला जाता है। उसके बाद बद्रीनाथ का कपाट खोला जाता है। हर साल चार धाम (केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री) के कपाट अप्रैल और मई महीने में खुलते हैं। सर्दी के दिनों में भीषण बर्फबारी के चलते क्षेत्र के सभी मंदिर 6 महीने के लिए बंद रहते हैं।

इस साल 14 मई को अक्षय तृतीया है। इस दिन गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलेंगे। इस दिन ही भगवान शिव की मूर्ति को उखीमठ के ओंकारेश्वर से बाहर ले जाया जाएगा। इसके बाद केदारनाथ मंदिर में प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा। वहीं, तीन दिन बाद यानी 17 मई को केदारनाथ के कपाट खोल दिए जाएंगे। इसके अगले दिन 18 मई को बद्रीनाथ के कपाट खुलेंगे।