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Dussehra 2024: कहीं दामाद, तो कहीं पूर्वज मान भारत के इन मंदिरों में होती है दशानन रावण की पूजा

इस साल 12 अक्टूबर को Dussehra 2024 मनाया जाएगा। यह त्योहार हर साल बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में इस पर्व की धूम देखने को मिलती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में कुछ ऐसी जगहें भी हैं जहां रावण का मंदिर मौजूद है और उनकी पूजा (Dussehra Ravana Worship) भी की जाती है।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Fri, 11 Oct 2024 06:15 PM (IST)
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देश की इन 6 जगहों पर मौजूद हैं रावण के मंदिर

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में दशहरे का त्योहार हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। बुराई पर अच्छाई का प्रतीक यह पर्व लोगों को यह विश्वास दिलाता है कि अच्छाई के आगे बुराई का हमेशा अंत ही होता है। प्रभु श्री राम द्वारा रावण के वध के उपलक्ष्य में हर साल इस त्योहार को मनाया जाता है। लंका पति रावण एक बलवान राक्षस थे, जिनका जिक्र महाकाव्य रामायण में भी मिलता है। माता सीता के अपहरण के बाद श्रीराम से हुए युद्ध में रावण को मुंह की खानी पड़ी थी। आमतौर पर रावण को दुष्ट आत्मा माना जाता है, लेकिन कुछ ऐसी कुछ जगहें भी हैं, जहां राक्षस राज (Ravana Demon King) रावण की पूजा (Dussehra Ravana Worship) की जाती है।

अब आप सोच रहे होंगे कि हम रावण के राज्य लंका यानी श्रीलंका की बात कर रहे हैं, लेकिन अपने देश भारत (ravana Temple In India) में भी कई ऐसी जगह मौजूद हैं, जहां रावण से घृणा नहीं बल्कि उनकी पूजा की जाती है। दशहरे के मौके पर हम आपको भारत की ऐसे ही कुछ जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां रावण के मंदिर मौजूद हैं और लोग वहां उनकी पूजा भी करते हैं।

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विदिशा, मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश का विदिशा में रावणग्राम नाम का एक छोटा सा गांव है, जहां रावण को भगवान के रूप में पूजा जाता है। दरअसल, यहां मान्यता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी इसी क्षेत्र की बेटी थी। ऐसे में यहां रहने वाले लोग रावण को अपना दामाद मानते हैं। इतना ही नहीं यहां रावण के सम्मान में एक मंदिर भी बनवाया गया है, जहां राक्षस राज की 10 फुट लंबी लेटी हुई प्रतिमा भी स्थापित है।

बिसरख, उत्तरप्रदेश

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के पास मौजूद बिसरख एक छोटा सा गांव है, जिसे लंका पति रावण का जन्म स्थान माना जाता है। इस गांव का नाम रावण के पिता ऋषि विश्रवा के नाम से प्रेरित है, भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र पुलस्त्य के पुत्र थे। यहां रहने वाले लोग रावण को अपना पूर्वज मानते हैं और उनकी बुद्धि और बल के लिए रावण की प्रशंसा भी करते हैं। उनके सम्मान में इस गांव में भी रावण का एक मंदिर बनवाया गया है, जो साल भर बंद रहता है और सिर्फ दशहरे के दिन ही खोला जाता है।

मांड्या, कर्नाटक

कर्नाटक के मांड्या में भी रावण को पूजा जाता है। यहां एक भव्य मंदिर है, जिसे कैलाशपूरा महालिंगेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां भगवान शिव के साथ रावण की भी पूजा की जाती है। इस मंदिर में एक रहस्यमयी शिवलिंग है, जिसके बारे में कहा जाता है कि रावण ने इसे देवताओं से हासिल करने के बाद यहां स्थापित किया था।

मंदसौर, मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के मंदसौर में भी राक्षस राज रावण का मंदिर मौजूद है। यहां रावण ग्राम रावण मंदिर स्थापित है। माना जाता है कि मंदसौर का यह मंदिर वही स्थान है, जहां रावण और मंदोदरी का विवाह हुआ था। इस मंदिर में रावण के साथ-साथ अन्य देवी देवताओं की मूर्तियां भी मौजूद हैं।

कानपुर, उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के कानपुर में भी रावण का एक अनोखा मंदिर मौजूद है, जिसे दशानन रावण मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर साल में एक बार सिर्फ दशहरे के दिन खुलता है और इस दिन यहां राक्षस राज रावण के अस्तित्व का जश्न मनाते हैं।

कोलार, कर्नाटक

कर्नाटक की कोलार जिले में भी रावण का एक मंदिर मौजूद है। रामलिंगेश्वर के इस मंदिर में रावण को रामप्पा या रामलिंग के रूप में पूजा जाता है। इस पवित्र मंदिर में चार पवित्र शिवलिंग हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि शक्तिशाली रावण ने इन शिवलिंगों को कैलाश पर्वत से लाकर यहां स्थापित किया था।

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