ग्वालियर का 140 साल पुराना विलास महल, जहां चांदी की ट्रेन परोसती है मेहमानों को खाना
माधवराव सिंधिया ने 1874 में इस महल को बनवाया था. जब इस महल को बनाया गया उस वक्त इसकी कीमत करीब 1 करोड़ रुपए थी लेकिन अब इस महल की कीमत अरबों में है.
By Pratima JaiswalEdited By: Updated: Tue, 05 Dec 2017 12:16 PM (IST)
भारत की धरोहर इतनी विशाल है, कि आपको इससे जानने में ही पूरी जिंदगी लग जाएगी. ऐतिहासिक ईमारतें सिर्फ टूरिज्म के लिहाज से ही नहीं बल्कि भारत को जानने में भी बेहद महत्वपूर्ण है. ऐसा ही महल है ग्वालियर का जय विलास महल. जिसे देखने के लिए देश-विदेश के टूरिस्ट आते हैं. महाराजा श्रीमंत माधवराव सिंधिया का महल क्यों खास हैं. आइए, जानते हैं.
1874 में बनाया गया था महल1240771 वर्ग फीट में फैला हुआ यह खूबसूरत महल श्रीमंत माधवराव सिंधिया ने 1874 में बनवाया था. जब इस महल को बनाया गया उस वक्त इसकी कीमत करीब 1 करोड़ रुपए थी लेकिन अब इस महल की कीमत अरबों में है.
प्रिंस एडवर्ड के स्वागत में बनवाया गया जयविलासइंग्लैंड के शासक एडवर्ड-VII के भारत दौरे के दौरान उनके स्वागत के लिए जयविलास पैलेस के निर्माण के लिए योजना बनाई गई.
विदेशी कारीगरों ने सजाया है पूरा महलइस महल को सजाने के लिए माधवराव सिंधिया ने विदेशी कारीगरों की मदद ली थी. फ्रांसीसी आर्किटेक्ट मिशेल फिलोस ने इस महल का निर्माण करवाया था.3500 किलो का झूमर टंगा हैमहल की खास बात यह है कि महल में 3500 किलो का झूमर लगा हुआ है जो अपने आप में अनोखा है. झूमर को लगाने के लिए हाथियों की ली गई थी मदद झूमर को छत पर टांगने से पहले इंजीनियरों ने छत पर 10 हाथी चढ़ाकर देखे थे कि छत वजन सह पाती है या नहीं. यह हाथी 7 दिनों तक छत की परख करते रहे, इसके बाद यहां झूमर लगाया गया था.चांदी की ट्रेन है आर्कषकजब आप डाइनिंग हॉल में जाएंगे तो वहां डाइनिंग-टेबल पर चांदी की ट्रेन मिलेगी. ये ट्रेन मेहमानों को खाना परोसती है.
छत पर लगा है सोनाइस महल की छत पर जब आप नजर ड़ालेंगे तो आपको छत पर सोना और रत्न से की गई कारीगरी मिलेगी.महल का एक हिस्सा है म्यूजियमइस महल में कुल 400 कमरे हैं जिसमें 40 कमरे म्यूजियम के तौर पर रखे गए हैं. इस महल की ट्रस्टी ज्योतिरादित्य की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया हैं.
कलाकृतियां करती है आर्कषितइस महल में आपको औरंगजेब और शाहजहां की तलवार मिलेंगी. इटली और फ्रांस की कलाकृतियां और जहाज भी यहां प्रदर्शन के लिए रखे गए हैं.