बूंदी: जहां शुभ अवसरों पर पंडित बनाते हैं लड्डू बाटी और बर्फी की तरह परोसा जाता है चूरमा
राजस्थान के बूंदी आकर घूमने के साथ ही यहां के जायकों को चखना मिस न करें। दाल-बाटी से लेकर चूरमा समोसा मिर्च बड़ा हर एक का स्वाद बहुत ही खास होता है। जानेंगे इनके बारे में।
By Priyanka SinghEdited By: Updated: Fri, 30 Aug 2019 01:54 PM (IST)
कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर समेटे हुए राजस्थान घूमने के लिए तो बेहतरीन जगह है ही, साथ ही यहां का खानपान भी दूसरे जगहों की तुलना में काफी अलग और स्वाद से भरपूर है। तीखे मसालों के साथ बनने वाली डिशेज़ भले ही आंखों से पानी ला दें लेकिन जुबान को बहुत भाती हैं।
दूर-दूर तक मशहूर है दाल-बाटी की लोकप्रियता पूरे राजस्थान में दाल-बाटी और चूरमा चाव से खाया जाता है, बूंदी में चूरमा एक अलग अंदाज में परोसा जाता है। यहां चूरमे को बर्फी की तरह जमाकर टुकड़ों में काटा जाता है, जिसे 'कत' कहते हैं। यहां की लड्डू बाटी बहुत मशहूर है। आजकल कत बाफला या कत बाटी बनाते हैं। किसी भी शुभ अवसर पर इन्हें पंडितों द्वारा बनवाया जाता है। इसके अलावा, यहां बूंदी के लड्डू या नुक्तीदाना बनाया जाता है। दैनिक जीवन में गेहूं की रोटी ही बनती हैं। यहां के लोग मक्के की रोटी और बाथली का खाटा (करी) भी बड़े चाव से खाते हैं।
तरह-तरह के पकवानपर्व-त्योहार पर लड्डू बाटी, पुआ पूरी और साथ में पकौड़ी बड़े शौक से बनाये जाते हैं। बूंदी में मांगीलाल के समोसे मशहूर हैं। यहां कैलाश स्वीट्स प्रसिद्ध दुकान है, जहां लोग सब्जी-पूरी खाने आते हैं। यहां की गट्टे की खिचड़ी भी बहुत लोकप्रिय व्यंजन है। यह स्वादिष्ट पकवान चावल और मुलायम बेसन के गट्टे से बनता है, जो शाम के समय का एक बेहतरीन स्नैक्स है। यहां का घेवर भी बहुत स्वादिष्ट होता है। यह कई प्रकार का होता है जैसे-मलाई घेवर, मावा घेवर और साधारण घेवर।
यह शांत नगर सैलानियों की पसंदीदा जगह होने के कारण बड़ी तेजी से कैफे कल्चर की ओर बढ़ रहा है, इसलिए यहां जगह-जगह सुंदर कैफे नजर आते हैं।