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इन जायकों को चखे बिना अधूरी है आपकी गंगटोक यात्रा

गंगटोक भारत के बहुत ही खूबसूरत और साफ-सुथरे शहरों में से एक है। जहां जाना बहुत ही यादगार एक्सपीरियंस होगा। झील, मठ घूमने के साथ ही यहां के जायके को चखना बिल्कुल भी मिस न करें।

By Priyanka SinghEdited By: Updated: Mon, 24 Dec 2018 11:26 AM (IST)
इन जायकों को चखे बिना अधूरी है आपकी गंगटोक यात्रा
गंगटोक में सड़क के दोनों ओर अनूठी खाने-पीने की छोटी दूकानें, मिठाई की दूकानें, गिफ्ट स्टोर, तड़क-भड़क वाली दूकानें, रेस्टोरेंट और बार हैं। इसके अलावा एक और बाजार है- लाल बाजार, जो थोड़ा सस्ता है। खरीदारी के साथ ही ये जगह भोजन प्रेमियों की फेवरेट है। यहां की सड़कों पर कई खाने-पीने की दूकानों में गर्मागर्म मोमोज और चाऊमीन का आनंद लिया जा सकता है।

गंगटोक के स्थानीय व्यंजनों में स्वाद और महक का अद्भुत सम्मिश्रण है। स्वादिष्ट मोमोज की बात करें तो ये यहां सड़क के किनारे लगी दूकानों से लेकर महंगे रेस्टोरेंट सभी जगहों पर मिल जाएगी। इसके अलावा, ठंड में गर्म स्वादिष्ट सूप का आनंद लिया जा सकता है। पर्यटक सब्जी और मीट से बनने वाले तिब्बती नूडल सूप थुपका या खाने वाले जंगली बिच्छू बूटी के पत्ते से बनने वाली स्थानीय सिशनू सूप का आनंद ले सकते हैं। यह सभी स्थानीय व्यंजन अपने अनोखे स्वाद के लिए जाने जाते हैं।

गंगटोक में मशहूर है खाने-पीने की ये चीज़ें

खास है शपाले

सिक्‍किम में व्यंजनों और आहार की अपनी एक अनूठी संस्कृति है। यहां का एक खास व्‍यंजन है शपाले जो देखने में मोमोज और समोसे का रिश्‍तेदार लगता है। वैसे डीप फ्राई शपाले एक मीट पाई है।

स्‍पेशल सब्‍जी बाई

मिजोरम के लोगों का प्रिय व्यंजन है बाई जो मिली-जुली सब्जियों सं बनता है और जो चावल के साथ खाया जाता है। वैसे “ज़ू” नाम से यहां एक लोकप्रिय चाय भी है।

पसंदीदा पोर्क जाडो

मेघालय का भोजन मांस के पक्ष में झुका काफी हुआ होता है। ऐसा ही व्‍यंजन है पोर्क जाडो जो चावल और सूअर के मांस से बना एक मसालेदार व्यंजन है और लगभग हर अवसर पर खाया जाता है।

चटकारा है इरोंम्‍बा

मणिपुर में बनने वाली खास चटपटी चटनी है इरोंम्‍बा जो रोटी, चावल हर चीच के साथ खाई जाती है। एक अन्‍य डिश है नघुई नगोसिंग एक भुनी हुई बोनलेस मछली, टमाटर, नींबू के पत्ते, धनिया, अदरक और मिर्च से भरपूर एक स्‍पाइसी डिश है।

अपोंग

अपोंग एक चावल या बाजरा से बना स्थानीय पेय है। यह अरुणाचल प्रदेश की पारंपरिक ड्रिंक है, जो यहां के लोगों का पसंदीदा भी है। यह घर में बनाई जाने वाली बीयर है। इसमें कोई केमिकल नहीं होता और यह हल्का भी होता है।

 

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