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Chhath Puja 2023: छठ पूजा की असली धूम देखने के लिए बिहार, झारखंड के इन सूर्य मंदिरों को घूमने का बनाएं प्लान

Chhath Puja 2023 छठ पूजा बिहार का सबसे बड़ा पर्व है जो दिवाली के छह दिन बाद मनाया जाता है।छठ का पर्व सूर्य भगवान को समर्पित है। जिसमें ढलते और उगते सूरज की पूजा की जाती है। अगर आप छठ पूजा की असली रौनक देखना चाहते हैं तो बिहार के इन सूर्य मंदिरों को घूमने का बना सकते हैं प्लान।

By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Thu, 16 Nov 2023 05:00 AM (IST)
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Chhath Puja 2023: भारत के कुछ प्रमुख सूर्य मंदिर

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Chhath Puja 2023: दिवाली के छह दिन बाद छठ का पर्व मनाया जाता है। जहां पहले इसकी धूम सिर्फ बिहार, झारखंड में ही देखने को मिलती थी, वहीं अब ये उत्तर प्रदेश, दिल्ली जैसी जगहों पर भी मनाया जाने लगा है। छठ के पर्व पर रखा जाने वाला व्रत सबसे कठिन व्रत में से एक है। इस साल छठ पूजा 17 नवंबर से शुरू हो रही है और 20 नवंबर को समाप्त होगी। ऐसा माना जाता है कि छठ का व्रत करने से मनचाही इच्छा पूरी होती है। इस पर्व में सूर्य देव को अर्ध्य देने का बहुत महत्व होता है। इस छठ पर क्यों न बिहार, झारखंड के इन सूर्य मंदिरों को देखने का प्लान बनाएं।

बड़गांव सूर्य मंदिर, नालंदा

देश के 12 सूर्यधामों में नालंदा का बड़गांव सूर्य मंदिर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। जहां दूर-दूर से लोग छठ मनाने और इसकी रौनक देखने पहुंचते हैं। मान्यता है कि यहां के सूर्य तालाब में स्नान करने और मंदिर में भगवान सूर्य की पूजा करने से कई गंभीर बीमारियां दूर होती हैं। 

सूर्य मंदिर, गया

बिहार का गया धार्मिक स्थलों केे लिए ज्यादा मशहूर है। यहां स्थित है दक्षिणार्क सूर्य मंदिर, जहां आम दिनों में तो लोग दर्शन करने पहुंचते ही है लेकिन छठ पूजा में इनकी संख्या दोगुनी नहीं, चौगुनी हो जाती है। आज इस मंदिर आने का भी प्लान कर सकते हैं छठ पूजा के दौरान। 

औंगारी धाम

औंगारी धाम देश का एकमात्र ऐसा सूर्य मंदिर है, जिसका दरवाजा पश्चिम की ओर स्थित है। भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र राजा शाम्ब ने कुष्ठ रोग से निजात पाने के लिए यहां आकर पूजा की थी। राजा ने ही यहां के सूर्य मंदिर तालाब का निर्माण भी कराया था। यहां अर्घ्य देने से भक्तों को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। छठ के महापर्व में दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं।

सूर्य मंदिर, भोजपुर

बिहार के भोजपुर जिले के बेलाउर गांव में भी बसा है एक सूर्य मंदिर। यहां छठ पूजा के दौरान श्रद्धालु की अच्छी-खासी तादाद जुटती है।

देव सूर्य मंदिर, औरंगाबाद

छठ का पर्व बिहार का सबसे बड़ा पर्व है। औरंगाबाद स्थित देव सूर्य मंदिर पहुंचकर आप छठ का अद्भुत नजारा देख सकते हैं। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि देवताओं के आर्किटेक्ट यानी वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा ने खुद इसे बनाया है।छठ पूजा के वक्त यहां बहुत ही बड़ा मेला भी लगता है। 

सूर्य मंदिर, रांची

झारखंड की राजधानी रांची से महज 39 किलोमीटर का सफर तय करके आप पहुंच सकते हैें बुंडू, यहां का सूर्य मंदिर भी बहुत मशहूर है। पूरा मंदिर संगमरमर से बना हुआ है। 18 पहियों और 7 घोड़ों के रथ पर विराजमान भगवान सूर्य का आलौकिक नजारा यहां देखने को मिलेगा। छठ के दौरान तो यहां दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं।

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Pic credit- freepik