Forts in Jaisalmer: सूरज की किरणों से चमक उठते हैं जैसलमेर के ये दो किले, आप भी हो जाएंगे इनकी खूबसूरती के कायल
जैसलमेर कई वजहों से दुनियाभर से काफी मशहूर है। इस शहर की खूबसूरती को निहारने दुनियाभर से लोग यहां आते हैं। राजस्थान अपने किलों और महलों के लिए देश-विदेश में जाना जाता है। जैसलमेर (Forts in Jaisalmer) में भी कुछ ऐसे किले हैं जिनका दीदार करने लोग दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं। आइए जानते हैं शहर के दो खूबसूरत किलों के बारे में-
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Forts in Jaisalmer: भारत अपनी संस्कृति और परंपराओं के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। यहां कई ऐसे शहर मौजूद हैं, जो अपनी खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। यही वजह है कि भारत पर्यटन के लिहाज से एक प्रमुख स्थल साबित होता है। राजस्थान भारत का ऐसा ही एक राज्य है, जो अपनी रंग-बिरंगी संस्कृति और विभिन्न परंपराओं के लिए जाना जाता है। यहां का खानपान, रहन-सहन और पहनावा हमेशा से ही लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता आया है।
हालांकि, यहां मौजूद खूबसूरत महल और किले भी लंबे समय से लोगों का आकर्षण रहे हैं। इन किलों को देखने दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। जैसलमेर राजस्थान का एक बेहद खूबसूरत शहर है, तो कई वजहों से मशहूर है। यहां की खूबसूरती निहारने देश ही नहीं विदेश से भी लोग हर साल भारी संख्या में आते हैं। अगर आप भी जैसलमेर घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो इन किलों को देखना न भूलें।यह भी पढ़ें- उदयपुर के ये 3 किले हैं ‘सिटी ऑफ लेक’ की शान, एक बार जरूर करें इनका दीदार
जैसलमेर किला
अगर आप जैसलमेर में हैं, तो यहां के सबसे खूबसूरत और मशहूर किले में से एक जैसलमेर किला जरूर घूमें। त्रिकुटा पर्वत पर बना यह भव्य किला यूनेस्को की विश्व धरोहर की लिस्ट शामिल है। जैसलमेर किले का निर्माण वर्ष 1156 में भाटी राजपूत राजा रावल जैसल ने करवाया था। यह पूरा किला पीले बलुआ पत्थर से बना हुआ है, जो देखने में बेहद खूबसूरत लगता है।
इसकी खूबसूरती शाम में सूर्यास्त के समय और भी ज्यादा बढ़ जाती है। सूर्य की किरणें पर किले पर पड़ती है, तो इसकी पीली दीवारें सोने की तरह चमक उठती है। किले की इसी खूबसूरती को देखते हुए जैसलमेर किले को सोनार किला या स्वर्ण किला भी कहा जाने लगा।
खाबा किला
जैसलमेर से 40 मिनट की दूरी पर स्थित खाबा किला भी यहां देखने लायक बेहद खूबसूरत जगह है। 14वीं शताब्दी में इस किले को पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा बनाया गया था। हालांकि, 19वीं सदी में भयंकर सूखे के कारण इस किले को छोड़ दिया गया था। यही वजह है कि इस किले में वीरान शहर के अतीत की झलक दिखाई देती है। यह शहर के समृद्ध इतिहास और जीवंत संस्कृति की झलक पेश करता है।
सूर्यास्त के समय इस किले की खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है। सूर्यास्त के समय के सुनहरी किरणें बंजर रेगिस्तान में बने इस किले अपनी चमक से नहलाती है। यह शानदार किला रेगिस्तान के बीच सदियों से खड़ा हुआ है और राजस्थान की वास्तुकला कौशल का प्रमाण देता है।यह भी पढ़ें- जोधपुर का इतिहास बताते हैं ये 4 किले, ब्लू सिटी जाएं तो जरूर करें इनकी सैर
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