2 से 3 दिनों की छुट्टियां बिताने के लिए कम पैसों में ढूंढ़ रहे हैं कोई जगह, तो बना लें कियारीघाट का प्लान
हिमाचल प्रदेश दिल्ली-एनसीआर हरियाणा चंडीगढ़ रहने वालों के लिए सबसे नजदीक घूमने-फिरने वाली जगह है। यहां कई ऐसी जगहें हैं जहां जाकर आप अपने वीकेंड को बना सकते हैं यादगार। ऐसी ही एक जगह है कियारीघाट। जो बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है। जहां जाकर आप कम पैसों में दो से तीन दिन जमकर मस्ती कर सकते हैं। मार्च से यहां घूमने का सीज़न शुरू हो जाता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश हर तरह के ट्रैवलर्स का बांहें पसार कर स्वागत करता है। एडवेंचर लवर्स से लेकर शांति-सुकून की तलाश करने वाले, नेचर लवर्स हर एक के लिए यहां ऑप्शन्स मौजूद हैं। यहां तक कि अगर आप बजट में सैर-सपाटे की सोच रहे हैं, तो उस लिहाज से भी आप हिमाचल को अपनी लिस्ट में शामिल कर सकते हैं। यहां की हरी-भरी घाटियों से लेकर बर्फ से ढकी पहाड़ियां ऐसा दृश्य बनाती हैं कि बस इसमें खो जाने का दिल करता है।
अगर आप कम पैसों में यहां घूमने वाले ठिकानों की तलाश कर रहे हैं, तो कियारीघाट का प्लान बना सकते हैं।
कियारीघाट हिल स्टेशन
कियारीघाट कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर स्थित एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। शिमला से 27 किलोमीटर और सोलन से 19 किलोमीटर का सफर तय करके आप यहां पहुंच सकते हैं। ओक, देवदार के पेड़ों से घिरी ये जगह भीड़ और शोरगुल से दूर है, जिस वजह से आप यहां आकर क्वॉलिटी टाइम बिता सकते हैं।Pic credit- onehimachal/Instagram
द एप्पल कार्ट इन
‘द एप्पल कार्ट इन’ कियारीघाट का सेंटर ऑफ अट्रैक्शन है। जो दोस्तों, फैमिली के साथ समय बिताने के लिए अच्छी जगह है। सालों पहले यहां डाकघर हुआ करता था, लेकिन अब यहां कई सारे रेस्तरां हैं। जहां आकर आप हिमाचल, उत्तर भारतीय व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं।
चूड़धार अभ्यारण्य
कियारीघाट आएं, तो चूड़धार अभयारण्य को भी देखने का वक्त जरूर निकालें। जो हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित है। ये वन्यजीव अभयारण्य लगभग 56 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इस जगह को चूड़ीचंदानी (बर्फ की चूड़ी) के नाम से भी जाना जाता है। यहां भगवान शिव अपने भक्तों को शिरगुल महाराज के रूप में दर्शन देते हैं।करोल गुफा
हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में करोल पर्वत पर करोल गुफा स्थित है। यह हिमालय में स्थित काफी पुरानी गुफा है जो आज भी रहस्यमयी है। करोल पर्वत चोटी तक का सफर तय करना पड़ता है इस गुफा को देखने के लिए। यहां के स्थानीय लोग कहते हैं कि भगवान शिव और पांडवों ने इस गुफा में तपस्या की थी। इसी वजह से इस गुफा को पांडव गुफा भी कहा जाता है। गुफा के अंदर शिवलिंग के भी दर्शन कर सकते हैं।