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जयपुर का Jaigarh Fort, जहां छिपा है राजपूतों का अकूत खजाना, जानें क्या है इसका दिलचस्प इतिहास

राजस्थान का गुलाबी शहर जयपुर कई वजहों से दुनियाभर में मशहूर है। यहां कई खूबसूरत महल और किले मौजूद हैं जिन्हें देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। इसी शहर में मौजूद है खूबसूरत और ऐतिहासिक किला Jaigarh Fort जो कई वजहों से लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना रहता है। कहा जाता है कि इस किले में ढेर सारा खजाना भी छिपा हुआ है।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Wed, 07 Feb 2024 03:38 PM (IST)
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आज भी इस वजह से रहस्यमयी बना हुआ है जयगढ़ किला
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Jaigarh Fort: राजस्थान अपनी संस्कृति और परंपराओं के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। यहां की खूबसूरती देखने दूर-दूर से लोग हर साल भारी संख्या में आते हैं। अपने खानपान, रहन-सहन के अलावा यह राज्य अपने किलों और महलों के लिए भी जाता है। जयगढ़ किला इन्हीं प्राचीन और ऐतिहासिक इमारतों में से एक है, जो कई वजहों से प्रसिद्ध है। माना जाता है कि इस किले में दुनिया की सबसे बड़ी तोप रखी है, जिसे जयबान तोप के नाम से जाना जाता है।

इस किले को महाराजा स्वाई जयसिंह द्वितीय (1880-1922) द्वारा बनाया गया था। जयपुर से सिर्फ 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह किला पर्यटकों के बीच हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहा है। 18वीं सदी की शुरुआत में इस दुर्जेय किले का निर्माण आमेर के किले को दुश्मनों के हमलों से बचाने के लिए किया था। चील का टीला नामक पहाड़ी पर बना यह किला जितना शानदार है, उतना ही दिलचस्प इसका इतिहास है। आइए जानते हैं जयगढ़ किले का समृद्ध इतिहास-

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जयगढ़ किले का इतिहास

बात करें इसके इतिहास की तो, कहा जाता है कि मुगलकाल के दौरान यह किला यहां के शासकों का यह एक प्रमुख तोपखाना हुआ करता था। साथ ही यह अस्त्र-शस्त्र और युद्ध में काम आने वाले अन्य समानों रखने का भी स्थल था। राजस्थान के इतिहास और संस्कृति को झलकाता यह किला 'विजय किला' के नाम से भी जाना जाता है। इसकी संरचना और बनावट आपको मध्यकालीन भारत की झलक देगी। समुद्र तल से कई सौ फीट की ऊंचाई पर स्थित यह किला विशाल दीवारों से घिरा हुआ है और सुरंगों से आमेर किले से जुड़ा हुआ है।

जयगढ़ किले की अंतहीन दीवारें

इस किले की खास बात यह है कि आप चाहे आमेर में कहीं भी हों, एक चीज जो आप कहीं से भी देख सकते हैं, वह है जयगढ़ किले की विशाल लाल दीवारें। मूल रूप से बलुआ पत्थरों से बनी यह दीवारें 3 किमी के क्षेत्र को कवर करती हैं। इस किले की एक और खास बात यह है कि यहां पर अब तक निर्मित दुनिया की सबसे बड़ी पहिए वाली तोप मौजूद है। इस तोप का निर्माण इसी किले में ही किया गया था। हालांकि, बड़े आकार की होने के बाद भी किसी भी युद्ध के दौरान इसका इस्तेमाल कभी नहीं किया गया था।

किले में छिपा अकूत खजाना

इस किले में मौजूद तोप के पीछे स्थित पानी की टंकी आज भी रहस्यमयी मानी जाती है। यह टंकी आकार में बहुत बड़ी है। पानी की यह टंकी न सिर्फ शुरुआती सदियों में बल्कि 20वीं सदी में भी चर्चा का विषय रही। ऐसा माना जाता है कि कछवाहा राजवंश ने इस किले का उपयोग अपने खजाने को संग्रहीत करने के लिए किया था। कई इतिहासकारों का ऐसा मानना है कि इस किले में स्थित इस टैंक के नीचे एक कक्ष है, जहां महाराजा मान सिंह द्वारा अफगानिस्तान और भारत के अलग-अलग रियासतों से लूटे गए खजाने को छिपाया गया था।

हालांकि अभी तक इस बारे में कोई पुष्ट जानकारी नहीं मिली है कि किले में मानसिंह का खजाना मौजूद भी है या नहीं और अगर यहां खजाना मौजूद है, तो यह अभी भी जयगढ़ के किले में ही छिपा है या निकाल लिया गया है?

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Picture Courtesy: jaipurtourism