Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Hoysala Temple: यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शामिल हुआ यह मंदिर, जानें क्या है इसकी खासियत

भारत से एक और मॉन्यूमेंट यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शामिल हो गया है। कर्नाटक में स्थित ये मंदिर होयसाला मंदिर के नाम से जाने जाते हैं। इन मंदिरों की खूबसूरती की अलग ही बात है। अगर आप भी घूमने-फिरने का शौक रखते हैं तो एक बार इस जगह घूमने जाना चाहिए। जानिए क्या खास बात है इस मंदिर की और कैसे पहुंच सकते हैं यहां।

By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Tue, 19 Sep 2023 06:47 PM (IST)
Hero Image
जानिए यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल होयशाला मंदिर की विशेषता

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। UNESCO World Heritage Site:  यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में अब होयसाला मंदिर भी शामिल हो गए हैं। होयसाला मंदिर में चन्नाकेशवा मंदिर, होयसलेश्वर मंदिर और केशव मंदिर शामिल हैं। 12वीं शताब्दी में निर्मित ये मंदिर विश्व धरोहर सूची में शामिल होने वाले भारत के 42वें स्मारक हैं और कर्नाटक की चौथा मॉन्युमेंट है।अगर आप भी देखना चाहते हैं इन मंदिरों की सुंदरता, तो आइए जानते हैं क्या खासियत है इन मंदिरों की और कैसे पहुंचे यहां।

यह भी पढ़ें: जानिए यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शामिल कोनार्क सन टेम्पल की खासियत

होयसाला मंदिर होयसाला वंश के राज्य में बनाया गया था। होयसाला वंश ने अपने राज्य काल में कई मंदिर और धार्मिक स्थल बनवाए थे। कर्नाटक में स्थित होयसाला मंदिर उसका एक बेहद सुंदर उदाहरण है। होयसाला मंदिर इतने सुंदर हैं कि इनके बारे में कहा जाता है कि पत्थर पर कविता लिखी गई है। इनका निर्माण द्रविड़ और नगाड़ा स्टाइल मिलाकर हुआ है, लेकिन द्रविड़ स्टाइल की ज्यादा झलक मिलती है।

होयसाला मंदिर में शामिल चन्नाकेशवा मंदिर, जो बेलूर में स्थित है, होयसाला मंदिरों में सबसे बड़ा है और यह भगवान विष्णु को समर्पित है। हालेबीडू का होयसलेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। केशव मंदिर इन से छोटा है मगर उसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। अलग-अलग देवी और देवताओं की मूर्तियों को इन मंदिरों की दीवारों पर तराशा गया है। इन मंदिरों की एक और खासियत है, ये मंदिर जिग-जैग के आकार में बनी हैं।

कैसे पहुंचे होयसाला मंदिर

हालेबिडू मैसूर से 150 कि.मी दूर है। मैसूर से यहां पहुंचने में तीन घंटे का समय लगता है। यहां आप ट्रेन या फ्लाइट से आसानी से पहुंच सकते हैं। इसके अलावा आप बैंगलुरु से भी यहां आसानी से आ सकते हैं। यहां से होयलेबिडू पहुंचने में लगभग 4 घंटे का समय लगता है।

यह भी पढ़ें: नहीं चाहते सफर के दौरान स्किन करे ‘सफर’, तो अपनाएं यह टिप्स

और क्या-क्या देख सकते हैं

इन तीनों मंदिरों के अलावा आप वहां केदारेश्वर मंदिर, गोरूर डैम, बसाडी हल्ली, आर्किओलॉजिकल म्यूजियम, श्रवणबेलागोला जैसी कई अन्य टूरिस्ट स्पॉट्स पर भी जा सकते हैं। केदारेश्वर मंदिर भी होयसाला मंदिर का एक हिस्सा है। यहां स्थित नंदी की मूर्ति इस मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगाती है। श्रवणबेलागोला, दक्षिण भारत का एक प्रमुख जैन तीर्थ स्थल है। बसाडी हल्ली में तीन बहुत ही प्रसिद्ध जैन मंदिर हैं- पार्श्वनाथ स्वामी मंदिर, आदिनाथ स्वामी मंदिर और शांतिनाथ स्वामी मंदिर। इन प्रमुख स्थानों पर घूमने का आनंद भी आप ले सकते हैं।

Picture Courtesy: Instagram