भारत के ऐसे खूबसूरत गांव, जहां की सैर जिंदगीभर के लिए बन जाएगी यादगार
भारत में घूमने- फिरने के ठिकानों की कोई कमी नहीं। एडवेंचरर्स जगह से लेकर प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर लगभग हर तरह की जगहें यहां मौजूद हैं लेकिन अगर आप कोई ऐसी जगह ढूंढ़ रहे हैं जहां शांति से अपनी छुट्टियां एन्जॉय कर सकें तो निकल जाएं गांवों की ओर। बहुत ही कम पैसों में आप घुमक्कड़ी का शौक पूरा कर सकते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। घुमक्कड़ी एक ऐसी चीज है, जो सिर्फ आपका माइंड ही फ्रेश नहीं करती, बल्कि आपको जिदंगी जीने का तरीका भी सिखाती है। काम से ब्रेक लेकर दो से तीन दिनों की सैर आपको एक तरह से रिचार्ज करने का भी काम करती है। बहुत ही कम ऐसे लोग होते हैं, जिन्हें घूमना-फिरना पसंद नहीं होता, लेकिन जब से सोशल मीडिया का बूम आया है, तब से ऐसे लोगों की संख्या भी कम ही बची है।
भारत में हर तरह के घुमक्कड़ों के लिए ऑप्शन्स मौजूद हैं। मतलब पहाड़ों पर जाकर सुकून का एहसास करने वाले हों या बीच पर जाकर मौज-मस्ती करने वाले, एडवेंचर पसंद हों या फिर छुट्टियों में भी आराम फरमाने वाले। हालांकि घुमक्कड़ी के इस शौक में एक जो नई चीज देखने को मिल रही है, वो यह कि अब ज्यादातर लोग शांति और सुकून वाली जगहों की ज्यादा तलाश कर रहे हैं। जहां वो बिना किसी डिस्टर्बेंस के फुल रिलैक्स हो सकें और इसके लिए वो गांवों को चुन रहे हैं।
मावलिननांग गांव (मेघालय)
मेघालय का मावलिननांग गांव, जिसके बारे में कहा जाता है यह 'गॉड्स ऑन गार्डन यानी भगवान का अपना बगीचा' है। मेघालय का यह गांव अपनी स्वच्छता के लिए मशहूर है। इस गांव को एशिया के सबसे साफ-सुथरे गांव का दर्जा मिला हुआ है। यह गांव धरती पर मौजूद अजूबे से कम नहीं है। प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर इस गांव में प्लास्टिक जैसी हर उस चीज के इस्तेमाल पर बैन है, जिसे रीसायकल नहीं किया जा सकता। इसके अलावा धूम्रपान भी नहीं कर सकते, इसी वजह से यहां की हवा भी एकदम शुद्ध है। यहां घूमने का प्लानिंग बेस्ट एक्सपीरियंस साबित होगी।तुरतुक गांव (लद्दाख)
लद्दाख में भारत-पाकिस्तान की सीमा से लगे इस गांव की पहचान खूबसूरती के साथ ही यहां की सभ्यता और संस्कृति है। प्रकृति प्रेमियों को यह जगह खूब लुभाती हैं। खार दूंगला पास में ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच, श्योक नदी के किनारे बसा यह गांव पर्यटकों की नजरों से आज भी दूर है, शायद इसी वजह से इसकी खूबसूरती आज भी बरकरार है। यहां का शांत वातावरण, सरल लोग और प्रकृति की सुन्दरता आपका मन मोह लेगी।
देहेन गांव (महाराष्ट्र)
सह्याद्री पहाड़ों की तलहटी में बसा ये देहेन गांव पुणे से 160 और मुंबई से लगभग 115 किमी दूर स्थित है। महाराष्ट्र में बसा यह गांव चारों ओर घने जंगलों से घिरा हुआ है। यहां पहुंचने के लिए स्थानीय लोग ही आपकी मदद कर सकते हैं, कोई मैप नहीं है। ये एक ऑफबीट डेस्टिनेशन है। दूर तक बिखरी हरियाली, खुशनुमा मौसम एक अलग ही शांति और सुकून का एहसास कराते हैं।जिस्पा गांव (हिमाचल प्रदेश)
हिमाचल प्रदेश का जिस्पा गांव भी उन जगहों की ही लिस्ट में शामिल है, जो लोगों की नजरों से दूर है। लेह-मनाली हाइवे पर बसे इस गांव की खूबसूरती भी आपको मंत्रमुग्ध कर देगी। समुद्र तल से 10,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित जिस्पा गांव केलांग तक 22 किलोमीटर का सफर तय करके पहुंचा जा सकता है। वैसे गर्मियों में ही यहां आने की प्लानिंग करें, क्योंकि सर्दियों में यहां घूमना-फिरना मुश्किल हो जाता है।
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