Machu Picchu: रहस्यों से भरा है पेरू का शहर माचू पिचू, एक बार जरूर करें इसका दीदार
Machu Picchu आर्कियोलॉजिस्ट हीराम बिंघम द्वारा 1911 में दोबारा खोजे गए माचू पिचू के खंडहर दुनिया के सबसे खूबसूरत प्राचीन स्थलों में से एक हैं। यह शहर अपनी खूबसूरत बनावट और कई सारे रहस्यों की वजह से दुनियाभर में मशहूर है। साथ ही यह दुनिया के सात अजूबों की लिस्ट में भी शामिल है। यह शहर पर्यटन के लिहाज से भी काफी प्रसिद्ध है।
By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Tue, 08 Aug 2023 01:40 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Machu Picchu: दुनियाभर में कई ऐसी जगह मौजूद हैं, जो अपनी खूबसूरती के लिए जानी जाती हैं। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में कई ऐतिहासिक जगह मौजूद हैं, जिन्हें देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। माचू पिच्चू इन्हीं जगहों में से एक है, जिसे 'इंकाओं का खोया हुआ शहर' के नाम से भी जाना जाता है। दक्षिणी अमेरिकी देश पेरू में स्थित यह शहर दुनिया के सात अजूबों में से एक है, जो अपने रहस्यों और खूबसूरत बनावट के लिए जाना जाता है।
रहस्यों का शहर माचू पिचू
इस शहर का इतिहास इंका सभ्यता से जुड़ा हुआ है। माचू पिचू समुद्र तल से 2,430 मीटर यानी करीब 8000 फीट की ऊंचाई पर उरुबाम्बा घाटी के ऊपर एक पहाड़ी पर मौजूद है। इसे साल 2007 में दुनिया के सात अजूबों में शामिल किया गया था। साथ ही यूनेस्को ने भी इसे विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया है। अपनी खूबसूरत बनावट और कई रहस्यों के वजह से यह शहर पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है और यहां दुनियाभर से लोग घूमने के लिए आते हैं।
ऐसे हुई इस शहर की खोज
माचू पिचू को सन 1911 में एक अमेरिकी आर्कियोलॉजिस्ट हीराम बिंघम ने फिर से खोजा गया था। उस दौरान बिंघम आखिरी इंका गढ़ विलकाबाम्बा की खोज कर रहे थे और इस दौरान उन्होंने माचू पिचू की खोज की। बिंघम द्वारा माचू पिचू की खोज एक प्रमुख पुरातात्विक घटना थी और तब से यह जगह दक्षिण अमेरिका के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक बन गया।
खूबसूरत कला का उदाहरण है माचू पिचू
माचू पिचू एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है और इसे दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों में से एक माना जाता है। यह इंका लोगों के इंजीनियरिंग स्किल्स का नमूना देखने को मिलता है। यह स्थल कई सौ इमारतों से बना है, जिनमें मंदिर, महल और घर शामिल हैं। इमारतें सावधानी से काटे गए पत्थरों से बनी हैं, जिन्हें मोर्टार के उपयोग के बिना एक साथ जोड़ा गया है। खास बात यह है कि यहां मौजूद इमारतों को बनाने के लिए किसी भी धातु के औजारों और पहियों का इस्तेमाल नहीं किया है।