Arunachal Pradesh: रोज की भागदौड़ से दूर बिताना चाहते हैं सुकून के पल, तो अरुणाचल की ये जगह होंगी परफेक्ट
Arunachal Pradesh रोज की भागदौड़ के कारण हुई थकान से दूर लोग अक्सर वेकेशन पर सुकून के पल बिताने जाते हैं। अक्सर घूमने के लिए लोग विदेश जाने का प्लान करते हैं लेकिन भारत में भी कई ऐसी खूबसूरत जगह हैं जहां आप परफेक्ट वेकेश बिता सकते हैं। अरुणाचल प्रदेश इन्हीं जगहों में से एक है। जानते हैं यहां की कुछ खूबसूरत जगहों के बारे में-
By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Sat, 22 Jul 2023 12:51 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Arunachal Pradesh: घूमना-फिरना हर किसी को काफी पसंंद होता है। रोज की भागदौड़ और काम के लगातार बढ़ते प्रेशर की वजह से लोग अक्सर काफी परेशान रहने लगते हैं। ऐसे में अपने बिजी और बोरिंग शेड्यूल से थोड़ा ब्रेक लेने के लिए लोग छुट्टियों की प्लानिंग करते हैं। अपने वेकेशन के लिए लोग अक्सर ऐसी जगहों का चुनाव करते हैं, जहां वह सुकून के कुछ पल बिता सके।
अगर आप भी आने वाले दिनों में कभी वेकेशन का प्लान बना रहे हैं, तो आप अरुणाचल प्रदेश जा सकते हैं। प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर यह राज्य आपके सुकून के कुछ पल बिताने के लिए परफेक्ट जगह साबित होगी। आज इस आर्टिकल में हम आपको अरुणाचल प्रदेश की कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आप एक परफेक्ट वेकेशन बिता सकते हैं-
तवांग मठ
तवांग मठ भारत का सबसे बड़ा मठ है और दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध मठों में से एक है। यह अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में चीन की सीमा के करीब स्थित है। मठ की स्थापना 17वीं शताब्दी में तिब्बती लामा मेराक लामा ने की थी। यह मठ मूर्तियों, चित्रों और पांडुलिपियों सहित बौद्ध कलाकृतियों का एक बड़ा संग्रह है। यह दुनिया भर के बौद्धों के लिए एक लोकप्रिय तीर्थस्थल भी है।जीरो वैली
जीरो वैली अरुणाचल प्रदेश के निचले सुबनसिरी जिले में स्थित एक खूबसूरत घाटी है। यह घाटी अपनी हरी-भरी पहाड़ियों, सीढ़ीदार खेतों और पारंपरिक गांवों के लिए जानी जाती है। यह कई जनजातीय संस्कृतियों का भी घर है, जिनमें अपातानी, न्यीशी और गैलो जनजातियां शामिल हैं। जीरो वैली एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, खासकर वार्षिक जीरो म्यूजिक फेस्टिवल के दौरान, जो नवंबर में आयोजित होता है।
नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान
नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है और दुनिया के सबसे जैव विविधता वाले क्षेत्रों में से एक है। यह अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले में म्यांमार की सीमा के करीब स्थित है। यह पार्क बाघ, हाथी, गैंडा और क्लाउडेड तेंदुए सहित विभिन्न प्रकार के जीवों का घर है। यह कई दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों का भी घर है, जैसे मिशमी टैकिन और हूलॉक गिब्बन।सेला दर्रा
सेला दर्रा अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में स्थित एक ऊंचाई वाला दर्रा है। दर्रा 13,700 फीट (4,180 मीटर) की ऊंचाई पर है और भारत में सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क है। इस दर्रे आसपास के पहाड़ों और घाटियों का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। यह ट्रैकिंग और माउंटेन बाइकिंग के लिए भी एक लोकप्रिय डेस्टिनेशन है।