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Parenting Tips: बच्चे के झूठ बोलने पर कभी न करें ये 3 काम, वरना बच्चों पर पड़ेगा निगेटिव असर

बच्चों की परवरिश (Parenting Tips) एक जिम्मेदारी भरा लेकिन कठिन कार्य होता है। खासकर शुरुआती उम्र में जब बच्चा बोलनाचलना-फिरना सीखता है तब हर छोटी-बड़ी बातों का ध्यान रखा पड़ता है। इस दौरान बच्चे अकसर झूठ बोलना सीख जाते हैं जिसकी वजह से कई बार पेरेंट्स उनके साथ सख्ती से पेश आते हैं जिसका उन पर बुरा असर पड़ता है।

By Jagran News Edited By: Harshita Saxena Updated: Sat, 18 May 2024 07:27 PM (IST)
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बच्चों के झूठ बोलने पर कभी न करें ये काम (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बच्चे जब बोलना शुरू करते हैं, तो उसी समय वे चलना-फिरना और साथ ही शरारतें करना भी शुरू करते हैं। वे दिमाग लगा कर कई तरीके से चीजों को एक्सप्लोर करते हैं, नए-नए काम करना सीखते हैं और उत्सुकता के कारण हर चीज को देखना और छूना चाहते हैं। ऐसे में उनकी हरकतों की वजह से उन्हें प्यार के साथ डांट भी पड़ना शुरू होती है। इससे वे अलर्ट हो जाते हैं कि उन्हें अपना बचाव कैसे करना है। इस प्रक्रिया में संभव है कि वे खुद को बचाने के लिए झूठ बोलना शुरू करें।

ये एक ऐसा फेज होता है, जब बच्चे के झूठ बोलने के व्यवहार को तरीके से हैंडल नहीं किया गया तो ये एक बुरी आदत भी बन सकती है, लेकिन अकसर पेरेंट्स को देखा गया है कि वे बच्चे का झूठ पकड़ते ही उन्हें डांटने, मारने और सॉरी बोलने के लिए विवश करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चे के झूठ को हैंडल करने का ये तरीका सही है या गलत। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे 3 ऐसे काम, जो आपको बच्चे के झूठ बोलने पर ये कभी नहीं करना चाहिए।

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बच्चे पर चिल्लाना

बच्चे जब झूठ बोलते हैं, तो इसे एक गलत व्यवहार के रूप में देखा जाता है, लेकिन पेरेंट्स यहां गलती ये करते हैं कि वे झूठ बोलने के पीछे कारण की तरफ फोकस नहीं करते हैं। बच्चे के झूठ बोलने के बाद आपके द्वारा दिया गया रिएक्शन बहुत मायने रखता है। अगर आप उग्र हो कर बच्चे पर चिल्लाते हैं, तो बच्चा निश्चित रूप से आगे और भी झूठ बोलेगा। चिल्लाने की जगह बच्चा झूठ क्यों बोल रहा है इस बात पर ध्यान दें और उस कारण को खत्म करने की कोशिश करें।

हर बार करेक्ट करना

बच्चे को करेक्ट करने की जगह उनसे कनेक्ट करें। उनसे पूछें कि ऐसा क्या हुआ जिससे उन्हें झूठ बोलना पड़ गया। इस सवाल के जवाब में कही गई उनकी बात को ध्यान से सुनें। लंबे लेक्चर या ज्ञान की बातें वे आधे मन से सुनते हैं। इसलिए इसे अवॉइड करें। उन्हें बोलने का मौका दें और आखिर में सही-गलत की जानकारी देते हुए उन्हें बताएं कि आप हमेशा उनके लिए एक सेफ स्पेस हैं। इससे वे कभी झूठ नहीं बोलेंगे।

ब्लेम करना

ये बच्चों के साथ आपके कनेक्शन को तुरंत खत्म कर देता है और बच्चे को आपसे दूर करता है। पेरेंट्स अथॉरिटी के मोड में और बच्चे डरने वाले मोड में आ जाते हैं, जिससे वे सही काम कर के भी डरते हैं कि कहीं उनसे कोई गलती न हुई है, जिसकी वजह से उन्हें ब्लेम सहना पड़े। इसलिए गुड ब्वॉय या गर्ल बनने के चक्कर में वे पेरेंट्स से और भी झूठ बोलने लगते हैं।

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